CGPSC Recruitment Case- छत्तीसगढ़ कैबिनेट (Chhattisgarh cabinet) ने बुधवार को राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा-2021 में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला किया है. विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए बखूबी इस्तेमाल किया था.
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यह निर्णय यहां मंत्रालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान लिया गया.
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने संवाददाताओं से कहा कि युवाओं के हित में राज्य सरकार ने सीजीपीएससी परीक्षा-2021 भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित शिकायतों का मामला विस्तृत जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का फैसला किया है.
सीजीपीएससी ने अपनी परीक्षा 2021 के तहत राज्य सरकार के 12 विभिन्न विभागों में 170 पदों के लिए चयन सूची जारी की थी.
मोदी-शाह का वादा हुआ पूरा?
विधानसभा चुनाव के दौरान इस मामले को लेकर बीजेपी ने व्यापक रूप से कांग्रेस पर हमला बोला था. विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं ने चुनावों के लिए प्रचार के दौरान राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर इसकी जांच कराने का वादा किया था.
पार्टी ने यह भी वादा किया है कि राज्य में पीएससी परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी और सीजीपीएससी परीक्षाएं यूपीएससी की तर्ज पर आयोजित की जाएंगी, जो केंद्र की विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करती है.
क्या है पूरा मामला?
पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने पिछले साल छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें सीजीपीएससी परीक्षा 2021 के संबंध में एक स्वतंत्र एजेंसी, जैसे सीबीआई से निष्पक्ष जांच के निर्देश देने की मांग की गई थी.
सितंबर 2023 में, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक याचिका में लगाए गए आरोपों को सत्यापित करने का निर्देश दिया कि CGPSC परीक्षा 2021 में चयनित 18 उम्मीदवार आयोग के पदाधिकारियों, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और बड़े व्यापारियों के रिश्तेदार थे.
याचिका के अनुसार, 2021 में सीजीपीएससी की ओर से 20 श्रेणियों की सेवाओं के लिए 171 पद विज्ञापित किए गए थे. फिर प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी, 2022 को आयोजित की गई थी, जबकि मुख्य परीक्षा उस वर्ष 26, 27, 28 और 29 मई को आयोजित की गई थी. परिणाम बाद में घोषित किए गए और 509 उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए चुना गया, जो 20 सितंबर से 30 सितंबर, 2022 तक आयोजित किए गए थे.
170 पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट पिछले साल 11 मई को जारी की गई थी.
याचिका में दावा किया गया था कि सीजीपीएससी परीक्षा 2021 के परिणाम से पता चला है कि तत्कालीन सीजीपीएससी अधिकारियों के रिश्तेदारों और प्रभावशाली राजनेताओं, नौकरशाहों और उद्योगपतियों के रिश्तेदारों को भ्रष्टाचार, पक्षपात आदि के कारण चुना गया था.
पिछली कांग्रेस सरकार ने तब एक बयान में कहा था कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और उसके नतीजे के आधार पर हाई कोर्ट को जवाब सौंपा जाएगा.
कांग्रेस ने अब क्या कहा?
कांग्रेस ने कैबिनेट के पीएससी की जांच सीबीआई को सौंपने के फैसले पर सवाल उठाया. कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मंत्रिमंडल की इस बैठक से उम्मीद थी कि जनता के हितों में फैसला होगा लेकिन इन्होंने पीएससी परीक्षा को सीबीआई जांच के लिए कहा है, इन्हें अपनी पुलिस पर भरोसा नहीं है, सिर्फ हौव्वा खड़ा करने के लिए ये फैसला लिया है.
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