बघेल-रमन के बीच ट्विटर वार: सीएम ने पूछा- हो जाए एक बार साथ में गेड़ी दौड़?

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19 Jul 2023 (अपडेटेड: Jul 19 2023 11:15 AM)

छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार ‘हरेली’ के बाद दोनों प्रमुख पार्टियां- भाजपा और कांग्रेस खुद को यहां की संस्कृति का संरक्षण करने वाली बताने में जुटी…

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छत्तीसगढ़ के पहले त्यौहार ‘हरेली’ के बाद दोनों प्रमुख पार्टियां- भाजपा और कांग्रेस खुद को यहां की संस्कृति का संरक्षण करने वाली बताने में जुटी हुई हैं. इसे लेकर ट्विटर पर सीएम भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बीच ट्विटर वार भी देखा जा सकता है. बात यहां तक पहुंच गई कि बघेल ने रमन सिंह को गेड़ी दौड़ की चुनौती तक दे डाली. यानी इस त्यौहार में इस्तेमाल होने वाली गेड़ी की एंट्री अब सियासत में भी हो गई है.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो साझा किया जिसमें सांकेतिक तौर पर भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गेड़ी दौड़ हो रही है. इस रेस में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी लड़खड़ाते और गिरते दिखाई देती हैं. जबकि भाजपा आसानी से दौड़ पूरी करने में कामयाब हो जाती है. बता दें कि हरेली के दिन छत्तीसगढ़ में गेड़ी चढ़ने की परंपरा है. लेकिन अब इस गेड़ी का इस्तेमाल राजनीति में भी होता दिख रहा है.

पूर्व सीएम ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “विरोधी मन मुंह चुचुवात हे, भारतीय जनता पार्टी ये दारी छत्तीसगढ़ मा विकास लात हे.” यानी विरोधी सिर्फ मुंह ताक रहे हैं जबकि भाजपा इस बार छत्तीसगढ़ में विकास लेकर आएगी.

इस पर पलटवार करते हुए बघेल ने ट्वीट किया, ‘’वैरी गुड-वैरी गुड..बहुत सही। धीरे-धीरे डॉक्टर साहेब सीख रहे हैं. संतोष है कि कम से कम भाजपा के लोग छत्तीगढ़िया संस्कृति को अपनाने लगे हैं. अभी आपके लोग भौंरा चलाते और गिल्ली खेलते भी दिखेंगे. उम्मीद है कि कभी खुद की भी वीडियो/फोटो डालेंगे.”

ट्वीट में उन्होंने आगे चुनौती देते हुए कहा, “क्या कहते हैं रमन सिंह जी, हो जाए गेड़ी दौड़ एक बार साथ में? वैसे भी प्रदेश में छत्तीगढ़िया ओलंपिक का माहौल है. जवाब का इंतजार रहेगा. जय छत्तीसगढ़ महतारी.”

बता दें कि छत्तीसगढ़ के त्यौहारों और संस्कृतियों को लेकर भूपेश सरकार अक्सर चर्चित रही है. खुद सीएम बघेल कभी लट्टू चलाते, कभी गेड़ी चढ़ते नज़र आ जाते हैं. हरेली के दिन भी मुख्यमंत्री निवास सहित पूरे राज्य में सरकार की ओर से विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए थे. इसी दिन छत्तीगढ़िया ओलंपिक की भी शुरुआत हुई. हालांकि भाजपा इसे सिर्फ दिखावा बताती है.

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