छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच तकरार जारी है. अब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचारियों का समर्थन कर रही है.
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भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोयले से लेकर शराब तक हुए सारे भ्रष्टाचार पर दाऊ भूपेश बघेल ने खुद तो कोई जांच नहीं की और जब ईडी साक्ष्य लेकर न्यायालय तक पहुंच चुकी है तब भी यह सरकार भ्रष्टाचारियों का समर्थन करने से पीछे नहीं हट रही है.
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि ये आरोप भाजपा नहीं लगा रही है. बल्कि परत-दर-परत सब कुछ जनता के सामने आने लगा है और न्यायालय में भी जाने लगा है.
सिंह ने आगे कहा कि प्रवर्तन निदेशालय 13 हजार पेज का साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किया है. किसी मुख्यमंत्री के लिए इससे बड़े साक्ष्य और क्या चाहिए कि राष्ट्रीय स्तर की जांच एजेंसी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक एक तथ्यों को कोर्ट के सामने रखी है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस अधिकारी और अन्य अधिकारियों के यहां छापेमारी में 180 करोड़ की अवैध संपंत्ति जब्त की गई है. यह बताता है कि पूरे छत्तीसगढ़ में किस प्रकार कोयले पर भ्रष्टाचार, शराब पर भ्रष्टाचार, रेत पर बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह राज्य का बच्चा-बच्चा जानता है.
वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय एजेंसी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया. छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की ताबड़तोड़ छापेमारी के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य के खदानों पर उनके मित्रों की निगाह है और छत्तीसगढ़ सरकार उनके बीच में आ रही है.मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया, “उनके (मोदी सरकार) मित्रों की छत्तीसगढ़ की खदानों पर निगाह है. जिसमें छत्तीसगढ़ की सरकार उनके बीच में आ रही है. इसीलिए छत्तीसगढ़ में लगातार ईडी समेत केंद्रीय एजेंसियों के छापे पड़ रहे हैं.”
बघेल ने आगे कहा कि कुछ भी हो जाए, छत्तीसगढ़ के हित से कोई समझौता नहीं होने देंगे.
शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ छोटा राज्य है और सबसे अधिक ईडी, आईटी के छापे अगर पड़े हैं तो छत्तीसगढ़ में पड़े हैं. इन छापों का मतलब मुझे जो समझ आ रहा है वह यह है कि वे (केंद्र सरकार) छत्तीसगढ़ की खदानों को अपने मित्रों को देना चाहते हैं.”
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