Chhattisgarh Assembly Speaker- वरिष्ठ भाजपा विधायक और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने रविवार को नवनिर्वाचित राज्य विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया.
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राजनांदगांव सीट से 71 वर्षीय विधायक रमन सिंह ने विधानसभा भवन परिसर में स्पीकर पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. इससे पहले दिन में छत्तीसगढ़ की छठी विधानसभा के 19 दिसंबर से शुरू होने वाले पहले सत्र से पहले राज्यपाल ने वरिष्ठ भाजपा विधायक रामविचार नेताम को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई.
बता दें कि प्रोटेम स्पीकर एक अस्थायी स्पीकर होता है जिसे नियमित स्पीकर की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही संचालित करने के लिए सीमित समय के लिए नियुक्त किया जाता है.
महंत और बघेल ने भी दिया समर्थन
रमन सिंह के नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता चरण दास महंत, जो निवर्तमान छत्तीसगढ़ विधानसभा में अध्यक्ष थे, और पूर्व सीएम भूपेश बघेल उपस्थित थे. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं ने सिंह के नामांकन के समर्थन में प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
रमन ने महंत और बघेल को दिया धन्यवाद
नामांकन दाखिल करने के बाद सिंह ने पत्रकारों से कहा कि उनकी नई जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ विधानसभा में सभी को साथ लेकर चलने की होगी. उन्होंने अपने नामांकन का समर्थन करने के लिए कांग्रेस नेता महंत और बघेल को धन्यवाद दिया.
सिंह ने नवनिर्वाचित विधानसभा के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, सीएम साय और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव (उनके नामांकन का समर्थन) पारित किया है. सिंह ने कहा, “मैं एक नई भूमिका में रहूंगा. मेरी नई जिम्मेदारी विधानसभा में सभी को एक साथ लेकर चलने की होगी. मेरी जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संतुलन बनाने की होगी. मैं अपनी नई जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा और राज्य विधानसभा को नई ऊंचाइयों पर आगे बढ़ाने का प्रयास करूंगा.”
बघेल ने क्या कहा?
पत्रकारों से बात करते हुए, भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने जाएंगे. बघेल ने रमन सिंह को बधाई दी. बघेल ने महंत को भी बधाई दी, जिन्हें शनिवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया.
पिछले पांच वर्षों से छत्तीसगढ़ पर शासन करने वाली कांग्रेस को हाल ही में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा, जिसमें भाजपा ने 90 में से 54 सीटें जीतकर सत्ता में शानदार वापसी की. 2018 में राज्य में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीटों पर सिमट गई, जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही.
सात बार विधायक, तीन बार सीएम, ऐसा है रमन का सियासी सफर…
सात बार विधायक रहे रमन सिंह ने राजनांदगांव सीट से लगातार चार बार 2008, 2013, 2018 और 2023 में जीत हासिल की.
साल 1999 में उन्हें लोकसभा सदस्य के रूप में भी चुना गया और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री नियुक्त किया गया.
हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव में सिंह ने कांग्रेस के गिरीश देवांगन को 45,084 वोटों के अंतर से हराया.
हालांकि उनके नेतृत्व में भाजपा को 2018 के राज्य चुनावों में भारी हार का सामना करना पड़ा, सिंह ने राज्य के सीएम के रूप में अपने 15 साल के लंबे कार्यकाल (2003 से 2018) के दौरान एक सक्षम प्रशासक होने की प्रतिष्ठा अर्जित की है.
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