छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र मंगलवार से शुरू हो जाएगा. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस अंतिम सत्र के हंगामेदार होने के भरपूर आसार हैं. दरअसल, मॉनसून सत्र के दौरान भाजपा कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर चुकी है.
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इस मॉनसून सत्र में सूबे के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कथित घोटालों और नियमितीकरण की मांग को लेकर संविदा कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे आंदोलन समेत कई मुद्दों पर भूपेश बघेल सरकार को घेरने का निर्णय लिया है.
मॉनसून सत्र के दौरान भाजपा कांग्रेस सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव भी लाएगी. ऐसे में सदन में सियासी गहमा गहमी देखी जा सकती है.
विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल ने कहा, ”छत्तीसगढ़ के लोग कांग्रेस और उसकी नीतियों से नाराज हैं. हम सदन में जनता की आवाज उठाएंगे. भाजपा इस सत्र में भूपेश बघेल सरकार में हुए कोयला, शराब, जमीन, राशन और लोक सेवा आयोग से संबंधित घोटालों का मुद्दा उठाएगी.”
चंदेल ने आगे कहा कि कांग्रेस 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही है. हजारों संविदा कर्मचारी (विभिन्न सरकारी विभागों के) अपनी सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर सड़कों पर हैं. भाजपा पहले ही ऐलान कर चुकी है कि अगर वह छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आती है तो संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करेगी.
भाजपा नेता चंदेल ने कहा कि उनकी पार्टी सत्र के दौरान सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव भी लाएगी और सत्ताधारी दल कांग्रेस को बेनकाब करेगी जो कथित तौर पर भ्रष्टाचार में डूबी हुई है.
बता दें कि 18 जुलाई से 21 जुलाई तक चलने वाले मॉनसून सत्र में कुल चार बैठकें होंगी.
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