Balodabazar Violence: बलौदाबाजार हिंसा को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि बलौदाबाजार हिंसा में शासन-प्रशासन की मिलीभगत दिखाई दे रही है इसलिए इसकी जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की देख-रेख में होनी चाहिए.
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बलौदाबाजार हिंसा के पीछे भूपेश बघेल लगातार भाजपा का हाथ बता रहे हैं. अब हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा- चूँकि बलौदाबाजार हिंसा में शासन-प्रशासन की मिलीभगत दिखाई दे रही है. इसलिए हमारी सरकार से मांग है कि:
1. उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की देख-रेख में बलौदाबाजार हिंसा की जांच हो
2. सरकार ने जो एक सदस्यीय हाईकोर्ट के निवर्तमान जज की कमेटी बनाई है, उसमें दो सदस्य सतनामी समाज के रिटायर्ड जज को भी रखा जाए ताकि समाज को भरोसा हो
कांग्रेस के लोगों को फंसाया जा रहा- बघेल
इसके पहले भी भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'बलौदाबाजार घटना में जो निर्दोष लोग उनको टारगेट कर रहे हैं. कांग्रेस के लोग हैं, उनको टारगेट कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारियां हो रही है. जबकि भारतीय जनता पार्टी और अन्य वे लोग थे, भारतीय जनता पार्टी के अघोषित सहयोगी हैं. उनके खिलाफ उन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. उस दिन भी आप लोगों से चर्चा किया और जहां पीड़ित परिवार के लोग आये थे. उस समय भी यह बात मैंने उठाया था. तो अब हमारी डिमांड यह है कि शासन-प्रशासन की मिलीभगत से घटना घटी है। इसके लिए दोषी सरकार है और इसीलिए हम पहले दिन से ही विष्णु देव साय के सरकार की इस्तीफा की मांग कर रहे हैं.'
कमेटी में सतनामी जज शामिल करने की मांग
भूपेश बघेल ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली संदिग्ध है. ऐसे में हम मांग करते हैं कि हाईकोर्ट की देखरेख में जज के माध्यम से इस मामले की जांच होनी चाहिए. हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में जो एक सदस्यीय जांच टीम बनाई गई है, उसमें भी दो सतनामी समाज के जज भी होने चाहिए.
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