ED Raids in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा (Vinod Verma) ने केंद्रीय एजेंसी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वर्मा ने गुरुवार को कहा कि ईडी ने बिना किसी आधार के उनके घर पर छापेमारी की है जो ‘डकैती’ और ‘लूट’ है. उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव के नतीजों को बदलने के लिए कांग्रेस और बघेल सरकार के साथ जुड़े लोगों को केंद्रीय एजेंसी के जरिए डरा-धमका रही है. बता दें कि ईडी ने बुधवार को सीएम के राजनीतिक सलाहकार वर्मा, ओएसडी मनीष बंछोर, आशीष वर्मा और उनके एक करीबी कारोबारी विजय भाटिया के यहां छापा मारा था.
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प्रेस वार्ता में वर्मा ने कहा कि उनके आवास पर जो सोना पाया गया है, वह 2005 में खरीदा गया था. उन्होंने ईडी को सभी बिल प्रदान किए. बिल में खरीदे गए सभी सोने का विवरण भी दिया. लेकिन इसके बाद भी ईडी ने सारा सोना जब्त कर लिया. ईडी ने कहा कि उन्होंने इस बिल का भुगतान कैसे किया इसका पुख्ता सबूत उनके पास नहीं है. वर्मा ने कहा कि वे कुल दो लाख 55 हजार 300 रूपये ले गए. उनके बेटे की शादी में जो उपहार स्वरूप पैसे मिले थे उसे भी ईडी की टीम ले गई.
वर्मा ने इस कार्रवाई को लूट करार देते हुए कहा, “मैंने अपने बैंक डिटेल्स भी ईडी को दिए. जो कुछ सबूत देना था मैंने दिया. ऐसे में ईडी की कार्रवाई को डकैती या रहजनी ही कह सकते हैं.”
इस छापे का आधार क्या है?
विनोद वर्मा ने कहा कि ईडी की टीम एक कहानी को आधार मानकर उनके पास पहुंची थी. उन्होंने बताया, “जगत विजन नाम की एक पत्रिका है जिसकी संपादक विजया पाठक हैं. उन्होंने सत्य कथा और मनोहर कहानी की तरह एक कहानी लिखी थी. इसमें उन्होंने लिखा है कि कोई रवि उत्पल और चंद्रभूषण वर्मा हैं जो मेरे रिश्तेदार हैं और वे मेरी सहायता से पूरा रैकेट चलाते हैं.”
इस रिपोर्ट को आधारहीन करार देते हुए वर्मा ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में 21 दिसंबर 2022 को दुर्ग पुलिस अधीक्षक, आईजी दुर्ग और डीजीपी को शिकायत दी. उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस से इस पूरे मामले और इसमें अपनी भूमिका के लिए पूछताछ करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, “मैंने ईडी को भी यह कॉपी दी है.”
पत्रकार के खिलाफ करूंगा कानूनी कार्रवाई
वर्मा ने विजया पाठक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने कहा, “उक्त पत्रकार को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है और मैंने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. वह अपने तथ्यों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं करती. मैं इस पत्रकार के खिलाफ पर्याप्त कानूनी मुकदमा करने वाला हूं. इसकी शुरुआत मैं कर चुका हूं.”
वर्मा में कहा कि चंद्रभूषण वर्मा उनका रिश्तेदार नहीं है और न ही वह मुख्यमंत्री के रिश्तेदार हैं. ईडी को पहले चंद्रभूषण की जांच कर लेनी थी. फिर उनके पास आते.
पीएम और गृहमंत्री पर लगाए
सीएम बघेल के राजनीतिक सलाहकार वर्मा ने सवाल पूछा, “ईडी की जांच का आधार क्या है? इस पत्रिका में छपी हुई कहानी, पुलिस का बयान है या एक गृहमंत्री का सपना है… कि इस कांग्रेस सरकार में जो लोग भी चुनाव की दृष्टि से काम कर रहे हैं, मुख्यमंत्री के लिए काम कर रहे हैं या फिर कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं उनको किसी न किसी तरह से हाशिए पर डाल दिया जाए.” उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की तानाशाही है. वे नहीं चाहते है कि कोई विपक्ष नाम की संस्था बचे. वर्मा ने आगे कहा कि लूडो और क्रिकेट जैसे साधारण खेलों को सट्टा में बदला जा रहा है. पीएम के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है.
‘चुनावी नतीजों को दूसरे तरीके से बदलना चाहती है बीजेपी’
वर्मा ने भाजपा पर आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों को बदलने के लिए ईडी के इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, “कोई भी जांच एजेंसी कहीं जाती है तो पुख्ता आधार लेकर जाती है. मैं उनसे बार बार पूछता रहा लेकिन ईडी के पास इसका कोई जवाब नहीं है.” उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनावी नतीजों को जनता के वोटों से बदलने के बजाय अन्य तरीकों से बदलने की कोशिश कर रही है. ईडी पर किसी पार्टी का नियंत्रण हो गया है. बीजेपी का राज्य और केंद्रीय नेतृत्व इन जांच एजेंसियों के जरिए चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहा है. वर्मा ने कहा कि उन्हें खुशी होगी अगर ईडी आरोपपत्र में उल्लिखित अपने तथ्यों के समर्थन में कोई सबूत पेश करने में सक्षम हो. वर्मा ने कहा, “2018 में भी ऐसी ही कोशिशें की गईं.मुझे ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सीडी कांड पूरी तरह से पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह द्वारा रचा गया था.”
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