सीएम भूपेश बघेल ने शनिवार को पीएम मोदी के आरोपों पर जमकर पलटवार किया. सीएम बघेल ने कहा कि बीजेपी के पांव छत्तीसगढ़ से उखड़ चुके हैं. सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि हिमाचल और कर्नाटक के बाद इन्हें लगने लगा है कि ‘भीगी पलकों’ की बेला आ रही है. आपको बता दें कि शुक्रवार को रायपुर में पीएम मोदी ने शराब घोटाले को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा. पीएम मोदी ने कहा कि राज्य के विकास में कांग्रेस का ‘पंजा’ आड़े आ रहा है और वह लोगों से ना सिर्फ उनका हक छीन रहा है बल्कि राज्य को ‘लूट कर बर्बाद’ करने को आतुर भी है.
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सीएम भूपेश बघेल ने शनिवार को मीडिया संग बातचीत में कहा, ‘ये किस मुंह से भ्रष्टाचार की बात करते हैं. वरना राहुल जी की बातों का जवाब देते कि आपके और अडानी जी के रिश्ते क्या हैं. उन्होंने फोटो दिखाई. उनकी सदस्यता समाप्त हो गई, बंगले खाली करा लिए गए. भ्रष्टाचार सिर्फ बीजेपी के लोग करें और दूसरे सारे भ्रष्टाचारी इनके साथ आकर ठीक हो जाएं, यही इनका उद्देश्य है.’
भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि, ‘एक पैसा छत्तीसगढ़ को नहीं दिया, सिर्फ चुनावी भाषण देकर चले गए. जांच कराएं चिट-फंड कंपनियों की. हजारों करोड़ गरीबों का पैसा लूटा है, ये पूरे देश में हैं. करप्शन में तो बीजेपी के नेता डूबे हैं.’
शराब घोटाले के आरोपों पर सीएम ने कहा कि रमन सिंह के कार्यकाल में 3900 करोड़ का राजस्व आता था, आज 6500 करोड़ हो गया. अगर घोटाले की बात करते हैं और कहते हैं कि होलोग्राम बदल दिया गया, तो होलोग्राम लगता कहां है? फैक्ट्री में. अगर फैक्ट्री मालिक या अधिकारी कर लिया, तो उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन ये तो खुले घूम रहे हैं, सेटिंग हो गई होगी इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है. राजस्व हानि तो हुई नहीं. हमने डिस्टली को नोटिस दिया है कि गलत किया है, तो बताओ. राज्य के राजस्व में गड़बड़ी नहीं होने देंगे. एक-एक पाई वसूलेंगे.
भाजपा के पैर जमीन से उखड़ चुके: भूपेश बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पैर जमीन से उखड़ चुके हैं.इनके पास कोई मुद्दा नहीं है. कोई रोडमैप नहीं है. केंद्र सरकार की ओर से धेले भर की घोषणा नहीं हुई. न आदिवासी इनके साथ न अनुसूचित जाति, न किसान, न युवा और न महिलाएं, कोई इनके साथ नहीं है.’
सीएम ने कहा कि, ‘ये कभी छत्तीसगढ़ के लोगों को सम्मान की नजर से देखते नहीं थे, उनको नक्सली समझते थे. सीएम ने ट्वीट किया कि अभी तो सिर्फ ‘छत्तीसगढ़ी’ बोली है, आगे-आगे देखिए गोंडी, हलबी सहित सभी स्थानीय बोलियाँ भी बोलेंगे. गाय, बैल सबकी पूजा करेंगे। इन्हें अभी थोड़ी-थोड़ी छत्तीसगढ़ी संस्कृति समझ आई है. धीरे-धीरे जनता इन्हें और सिखा देगी.’
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