Modi Vs Baghel- राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार स्टील प्लांट (एनएसपी) को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर में स्टील प्लांट सहित 26,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर के लोगों का दबाव काम आया और प्रधानमंत्री को कहना पड़ा कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के आदिवासियों का है. बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दिन आदिवासी संगठनों और कांग्रेस ने बस्तर बंद का आह्वान किया था. पार्टी का आरोप है कि केंद्र इस प्लांट का निजीकरण करना चाहती है.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट किया, बस्तर के लोगों का दबाव काम आया. प्रधानमंत्री को कहना पड़ा कि नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के आदिवासियों का है. हालांकि उन्होंने यह अभी भी नहीं कहा है कि इसका निजीकरण नहीं होगा. सीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस नगरनार को बेचने के खिलाफ है और रहेगी. अगर वह बस्तर के लोगों का है तो बस्तर के लोगों का ही रहना चाहिए.
इससे पहले उन्होंने एक और पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने नगरनार बचाने की अपील की थी. उन्होंने लिखा, “नगरनार बचाओ! प्रधानमंत्री जी! आखिर क्या गलती है बस्तर की जनता की? यह कि उन्होंने सभी 12 विधानसभा सीटों और बस्तर लोकसभा में कांग्रेस को क्यों चुना? आप हार जाएंगे तो उनका नगरनार प्लांट निजी हाथों को सौंप देंगे? राज्य सरकार खरीदना चाह रही है, हमें क्यों नहीं दे रहे हैं आप?”
नगरनार प्लांट पर क्या बोले मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर में परिवर्तन महासंकल्प रैली को संबोधित करते हुए नगरनार में स्थापित प्लांट को आदिवासियों को बताया. उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस ने झूठी बातें फैलाई है लेकिन आप लोगों ने यहां आकर उनको तमाचा मारा. ये झूठी बातें फैलाकर इस स्टील प्लांट को हड़पना चाहते हैं. ये मोदी की गारंटी है कि ये मोदी नहीं होने देगा. उन्होंने कहा, “ये प्लांट बस्तर का है इसका मालिक बस्तर के लोग छत्तीसगढ़ के लोग हैं, मोदी इसका मालिक नहीं है और ना ही मैं किसी कांग्रेस के नेता को इसका मालिक बनने दूंगा. कांग्रेस को कट कमीशन और बेइमानी करने का मौका नहीं दिया जाएगा.”
बस्तर में पूरे हिंदुस्तान के लोग रोजगार के लिए आएंगे
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भाजपा नेता बलिराम कश्यप लंबे समय से इस प्लांट के लिए मांग करते रहे. कांग्रेस ने कभी उनकी मांगें पूरी नहीं की. क्योंकि कांग्रेस की कट, कमीशन और करप्शन की सोच थी. कांग्रेस की नीति थी कि कच्चा माल विदेश भेजो और उससे बने उत्पाद को ज्यादा दाम में खरीदो. कोई सरकार होती तो उसकी प्राथमिकता होती तो वह यहीं प्लांट लगाती. यहां कांग्रेस ने कमाया लेकिन यहां के जवानों को कुछ नहीं मिला. लेकिन ये मोदी है ये जो आपके बीच पला बढ़ा है. ये आपकी चिंता करता है. इसलिए भाजपा सरकार ने लगभग 24 हजार करोड़ रूपये का स्टील प्लांट लगाया. यहां ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेगा. इसमें ज्यादा से ज्यादा निवेश होगा. एक दिन ऐसा आएगा जब बस्तर में पूरे हिंदुस्तान के लोग रोजगार के लिए आएंगे.
बस्तर रहा बंद, ये हैं मांगें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बस्तर दौरे के बीच आदिवासी संगठनों और कांग्रेस ने बस्तर बंद का आह्वान किया. इस दौरान बस्तर के सातों जिलों में बंद का असर दिखा. बंद बुलाने वाले संगठनों का कहना है कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं किया जाए यह बस्तरवासियों के साथ धोखा है. क्योंकि यहां के लोगों ने जमीन इसलिए दी थी कि स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी और यह प्लांट सरकारी उपक्रम के जरिए संचालित होगा. मगर इसका निजीकरण किया किया जा रहा है. इसके अलावा संगठनों ने तीन और अन्य मांगे रखी है जिसमें एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से जगदलपुर स्थानांतरित किया जाए.जातिगत जनगणना कराने और स्थानीय भर्तियों में बस्तर के युवाओं को लेने की मांग रखी गई है.
क्या कहती है कांग्रेस?
कांग्रेस ने एक बयान में कहा, “छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ लगातार अपनी आवाज बुलंद करती आई है, हमारा कहना बेहद स्पष्ट है कि “यदि केंद्र सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र के संचालन में असमर्थ है, तो इसके निजीकरण करने के बजाय छत्तीसगढ़ सरकार को सौंप दे, इसका संचालन हम करेंगे. यह हमारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में शासकीय संकल्प है कि यदि केंद्र सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र नहीं संचालित कर सकती तो इसे राज्य सरकार को सौंप दे इसे हम संचालित करेंगे, लेकिन मोदी सरकार नगरनार इस्पात संयंत्र को अपने मित्रों को सौंपना चाहती है, जो हमें मंजूर नहीं.”
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