Chhattisgarh Politics: कका अभी जिंदा हे… हार के बाद कैसे पॉवरफुल होते गए भूपेश बघेल?

Chhattisgarh News: कका अभी जिंदा हे… कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के लिए कही जाने वाली यह…

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Chhattisgarh News: कका अभी जिंदा हे… कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के लिए कही जाने वाली यह सियासी उक्ति एक बार फिर से चर्चा में है. क्योंकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर ‘भूपेश पर भरोसा’ दिखाया है.

आम चुनाव से पहले भूपेश बघेल को कांग्रेस आलाकमान ने एक बार फिर बड़ी जिम्मेदरी सौंपी है. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2024 लोकसभा चुनाव के पहले बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा और अन्य गतिविधियों के लिए भूपेश बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल की नई भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे. लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार भूपेश को बड़ी जिम्मेदारियों से नवाजती दिख रही है. बघेल को बिहार में वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाने जैसे फैसले से उनको राष्ट्रीय राजनीति में लाने के संकेत भी नजर आ रहे हैं.

पहले भी मिली थी बड़ी जिम्मेदारी

इससे पहले कांग्रेस ने बघेल को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने वाली समिति में भी शामिल किया था. लोकसभा चुनाव को लेकर बनाई गई पांच सदस्यीय इस समिति के संयोजक मुकल वासनिक है, जबकि बघेल को इस समिति में सदस्य बनाकर शामिल किया गया. यह समिति पैनल अन्य दलों के साथ गठबंधन बनाने के सभी पहलुओं पर गौर करने का महत्वपूर्ण काम कर रही है. राष्ट्रीय गठबंधन समिति में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश भी समिति में हैं.

बघेल को राष्ट्रीय राजनीति में लाने के संकेत?

बघेल को बिहार में कांग्रेस की बड़ी जिम्मेदारी देने से राष्ट्रीय राजनीति में लाने के संकेत दिख रहे है. इससे पहले भी भूपेश बघेल को कांग्रेस ने असम में चुनाव प्रभारी और कर्नाटक चुनाव के दौरान प्रचार की जिम्मेदारी दिया था. छत्तीसगढ़ में बतौर सीएम रहते बघेल राजधानी रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन का सफलतापूर्वक आयोजन करके बघेल पार्टी का विश्वास जीतने में कामयाब हुए थे.

छत्तीसगढ़ में सरकार जाने के बाद उठने लगे थे सवाल

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी इस बार विपक्ष की भूमिका में है. लिहाजा कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर बड़ा फैसला लिया. पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष बनाया जबकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में दीपक बैज को बरकरार रखने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. लेकिन इसके बाद यह सवाल सियासी गलियारे में तैरने लगा था कि संगठन में भूपेश बघेल की भूमिका क्या होगी? लेकिन कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह लगातार बघेल पर विश्वास जताते दिख रही है ऐसे में बघेल के लिए ये जवाबदारी काफी महत्वपूर्ण मानी जा सकती है.

वैसे भी भूपेश बघेल की लोकप्रियता अब भी उनके समर्थकों के बीच बरकरार है. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी उनकी काबिलियत को दरकिनार नहीं कर सकती. लिहाजा लोकसभा चुनाव में बघेल के तजुर्बे और राजनीतिक कुशलता का पार्टी बखूबी इस्तेमाल करना चाहेगी. ओबीसी नेता के तौर अपनी पहचान बना चुके बघेल कांग्रेस के लिए इस नई भूमिका में कितना फायदेमंद साबित होते हैं यह आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का कहना है, “पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, हम निभाएंगे…”

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