Chhattisgarh Politics- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने गुरुवार को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के प्रमुख डॉ. प्रदीप कुमार जोशी को राज्य सरकार द्वारा गठित पैनल के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की.
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राज्य सरकार की ओर से गठित पैनल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ लोक सिविल सेवा आयोग में सुधारों पर सिफारिशें करना था. यह मांग यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करने और नीट परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर की गई है.
जोशी की अध्यक्षता में बनाया गया था आयोग
इस साल मार्च में छत्तीसगढ़ में नई भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षाओं की तर्ज पर पारदर्शी तरीके से आयोजित करने के लिए सिफारिशें देने के लिए डॉ. जोशी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था.
यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जोशी वर्तमान में एनटीए के शासी निकाय के प्रमुख हैं.
बघेल ने लगाए ये आरोप
एक्स पर एक पोस्ट में बघेल ने कहा, “अभी NEET में हुई धांधली का विवाद ख़त्म नहीं हुआ है और UGC-NET का पर्चा लीक होने की पुष्टि हो गई। फिर से परीक्षा होगी. परीक्षाएं करवाने वाली एजेंसी NTA पर सवाल खड़े हो गए हैं. इसी NTA के गवर्निग बॉडी के प्रमुख प्रो डॉ. प्रदीप कुमार जोशी को छत्तीसगढ़ सरकार ने CGPSC सुधार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय क्या अब भी प्रो जोशी को नहीं हटाएंगे? हटा दीजिए, लाखों बच्चों के भविष्य का सवाल है.”
साय सरकार ने क्या कहा था?
12 मार्च को एक बयान में, विष्णु देव साय सरकार ने कहा था, राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य पीएससी पर सिफारिशें करने के लिए यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ प्रदीप कुमार जोशी की अध्यक्षता में एक आयोग गठित करने का आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, आयोग यूपीएससी परीक्षाओं की तर्ज पर पारदर्शी तरीके से सीजीपीएससी परीक्षा आयोजित करने, परीक्षाओं का वार्षिक कैलेंडर बनाने और उम्मीदवारों के बीच राज्य पीएससी के प्रति विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सुझाव देगा.
विधानसभा चुनावों के दौरान था बड़ा मुद्दा
गौरतलब है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के शीर्ष नेताओं ने सीजीपीएससी भर्ती में कथित घोटाले को लेकर पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था और वादा किया था कि अगर भगवा पार्टी सत्ता में आती है तो इसकी जांच कराई जाएगी. इस साल जनवरी में, नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा - 2021 में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश करने का फैसला किया.
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