लोकसभा चुनाव: छत्तीसगढ़ में हारे हुए नेताओं के भरोसे कांग्रेस, 18 दिग्गजों को मिली बड़ी जिम्मेदारी

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• 10:49 AM • 07 Jan 2024

Chhattisgarh Loksabha election News- कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है. पार्टी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और हिमाचल…

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Chhattisgarh Loksabha election News- कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है. पार्टी ने छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल और हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों के लिए चुनाव समितियां गठित की हैं. यह कदम इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उठाया गया है. वहीं छत्तीसगढ़ में जिन नेताओं को चुनाव समिति में जगह दी गई है उसमें से ज्यादातर दिग्गज इस बार के विधानसभा चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा पाए थे.

पार्टी की ओर से एक आधिकारिक संचार में कहा गया है, “कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान, केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा की प्रदेश चुनाव समितियों और मध्य प्रदेश की प्रदेश चुनाव समिति और राजनीतिक मामलों की समिति के गठन के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से मंजूरी दे दी है.”

बैज बने प्रदेश चुनाव समिति के प्रमुख

पीसीसी चीफ दीपक बैज को छत्तीसगढ़ प्रदेश चुनाव समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के अलावा चरण दास महंत और ताम्रध्वज साहू सदस्य होंगे.

इन 18 दिग्गजों पर पार्टी को भरोसा!

दीपक बैज के साथ ही इसमें भूपेश बघेल, डॉ. चरण दास महंत, टी.एस. सिंह देव, ताम्रध्वज साहू, रवीन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, शिवकुमार डहरिया, अनिला भिंडिया, जय सिंह अग्रवाल, मोहन मरकाम, गुरु रूद्र कुमार, धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, अमितेश शुक्ला, विकास उपाध्याय, राजेश तिवारी और पारस चोपड़ा शामिल हैं.

हारे हुए नेताओं को मिला बड़ा मौका

बता दें कि इस समिति में ज्यादातर नेता विधानसभा चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा सके थे. टीएस सिंहदेव राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम रह चुके हैं. उन्हें भी इस बार हार का सामना करना पड़ा था. ताम्रध्वज साहू को भी इस बार चुनाव में हार मिली है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, मोहन मकराम भी वो नाम है जिन्हें बीजेपी ने चुनाव में हरा दिया. मोहम्मद अकबर, शिवकुमार डहरिया, विकास उपाध्याय, गुरु रूद्र कुमार को भी इस बार मात मिली है.

लोकसभा चुनाव पर फोकस

राज्य में सत्ता खोने के बाद पार्टी की नजर लोकसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने पर है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में दो सीटें आई थी. जबकि नौ सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटे हैं. लिहाजा कांग्रेस के सामने विधानसभा में मिली हार के बाद लोकसभा चुनाव सबसे बड़ी परीक्षा है.

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