Vishnu Deo Sai Vs Bhupesh Baghel on Naxalism- छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार को हुए नक्सली हमले के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक दूसरे की सरकार पर जमकर हमला बोला. सीएम साय ने पिछली कांग्रेस सरकार पर नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता राज्य से इस खतरे को खत्म करना है. वहीं बघेल ने दावा किया कि कांग्रेस की सरकार में कभी पुलिस कैंप पर हमला नहीं हुआ था जबकि भाजपा की सरकार बनते ही नक्सली वारदातें बढ़ गई हैं.
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एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि साय ने बुधवार रात प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और मंगलवार को सुरक्षाकर्मियों पर नक्सलियों द्वारा किए गए हमले के मद्देनजर नक्सल विरोधी अभियानों का जायजा लिया. बैठक में सीएम के हवाले से एक विज्ञप्ति में कहा गया, “जब से हमारी सरकार (पिछले साल दिसंबर में) सत्ता में आई है, तब से नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है. हमारे पुलिस कर्मी नक्सलियों के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं. शिविर लगातार स्थापित किए जा रहे हैं.”
पिछली सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से नहीं लिया: साय
साय ने कहा, “पिछली सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन हमारे सुरक्षा बलों ने माओवादियों को खत्म करने की कवायद शुरू कर दी है.” साय ने कहा कि उनकी सरकार न सिर्फ नक्सलियों को छत्तीसगढ़ से बाहर खदेड़ेगी बल्कि उनका अस्तित्व भी खत्म कर देगी. “यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है.”
बघेल ने उछाला नक्सलियों से वार्ता का मुद्दा
नक्सल वारदातों को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने साय सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में कभी पुलिस कैंप पर हमला नहीं हुआ था. भाजपा की सरकार बनते ही नक्सली वारदातें बढ़ गई है. उन्होंने कहा, “मैं शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देना देता, उनके हौसले को सलाम करता हूं.”
उन्होंने बीजेपी सरकार से पूछा, “लेकिन भाजपा के नेताओं को बताना चाहिए, साय सरकार को जवाब देना चाहिए जो मोबाइल पर नक्सलियों से बात करना चाहती थी.”
साय बोले- हमें किसी भी कीमत पर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देना है
मंगलवार को सुकमा जिले के टेकलगुडेम गांव के पास नक्सलियों के साथ भीषण गोलीबारी में सीआरपीएफ की विशेष जंगल युद्ध इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन) के दो जवानों सहित तीन जवान शहीद हो गए और 15 अन्य घायल हो गए.
सीएम ने अधिकारियों को नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा शिविरों के आसपास रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नक्सलियों के खात्मे के लिए ठोस रणनीति के साथ प्रभावी कार्रवाई की जाये. पिछले डेढ़ महीने में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियानों से नक्सली हताश हो गए हैं और इसलिए उन्होंने कायरतापूर्ण हमले (मंगलवार की घटना का जिक्र करते हुए) किए हैं. उन्होंने कहा, ”हमें किसी भी कीमत पर नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देना है.”
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीएम ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अपने खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने और नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों से नक्सल प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान चलाते समय बेहद सतर्क रहने को भी कहा.
नक्सली हमले के बाद हुई इस बैठक में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग है, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अतिरिक्त महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) विवेकानंद सिन्हा और अन्य अधिकारी मौजूद थे.
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