Pedia Encounter: पीडिया मुठभेड़ पर क्या चाहती है कांग्रेस? बैज ने उठाए कई सवाल

रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राज्य कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज (Deepak Baij) ने कहा कि ग्रामीणों ने मुठभेड़ के संबंध में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है.

Congress on Pedia Encounter

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Pedia Encounter: विपक्षी कांग्रेस ने मांग की है कि 10 मई को छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur Encounter) जिले में 12 नक्सलियों की मौत की उच्च न्यायाधीश से जांच कराई जानी चाहिए. बता दें इसे ग्रामीणों ने फर्जी मुठभेड़ बताया है.

रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राज्य कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज (Deepak Baij) ने कहा कि ग्रामीणों ने मुठभेड़ के संबंध में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इसलिए इसकी उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है.

पुलिस ने 10 मई को दावा किया था कि उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बीजापुर जिले के गंगालूर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत पिडिया गांव के पास एक जंगल में 12 नक्सलियों को मार गिराया है.

पुलिस ने की मृत नक्सलियों की पहचान

पुलिस ने मृत नक्सलियों की भी पहचान की और दावा किया कि उन सभी पर नकद इनाम था. पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया. स्थानीय ग्रामीणों, मृतकों के परिवार के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ करने का आरोप लगाया था और मारे गए लोग माओवादी नहीं थे, पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया है.

कांग्रेस की टीम ने किया पीडिया का दौरा

बैज ने कहा कि कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक संतराम नेताम की अध्यक्षता में एक तथ्यान्वेषी टीम का गठन किया था और उसने 16 मई को पिडिया गांव का दौरा किया था.

बैज ने कहा कि मृत व्यक्तियों में से एक के परिवार के सदस्य ने तथ्य-खोज दल को सूचित किया कि मारे गए 12 लोगों में से दो माओवादियों के सक्रिय 'संघम' सदस्य थे, जबकि शेष इत्तावर और पिडिया गांवों के निवासी थे.    गोलीबारी में घायल हुए पांच अन्य लोगों का भी माओवादियों से कोई संबंध नहीं है.

इनाम और प्रमोशन के लिए आदिवासियों को नक्सली बताया गया

कांग्रेस नेता ने कहा, "पुलिस ने इनाम और प्रमोशन के लिए निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर गोलीबारी को अंजाम दिया. घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए जाने चाहिए."

कांग्रेस ने की ये मांग      

स्थानीय लोगों के मुताबिक, 10 मई की सुबह करीब 6 बजे जब ग्रामीण जंगल में तेंदू पत्ता तोड़ने गए थे, तभी पुलिस ने उन पर फायरिंग कर दी. बैज ने कहा, "पुलिस पर लगाए गए आरोप गंभीर और संवेदनशील हैं. इसे ध्यान में रखते हुए मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए." उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि मुठभेड़ की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में की जाए. उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य में शांति बहाल करने के सभी संवैधानिक और कानूनी प्रयासों में राज्य सरकार के साथ खड़ी है.

कार्रवाई में कोई निर्दोष व्यक्ति न मारा जाए

बैज ने कहा, "यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कोई निर्दोष व्यक्ति न मारा जाए. बस्तर के आदिवासियों की जान-माल की कीमत पर कोई भी समझौता या कार्रवाई कांग्रेस को स्वीकार्य नहीं है."

 

 

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