कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भिड़ गई बीजेपी-कांग्रेस, शर्मा ने दिया जवाब

ChhattisgarhTak

25 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 25 2024 12:22 PM)

विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में सात महीने पुरानी भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और अपराध दर बढ़ रही है.

Deputy CM Vijay Sharma

Deputy CM Vijay Sharma

follow google news

Chhattisgarh News- विपक्षी कांग्रेस ने बुधवार को छत्तीसगढ़ में सात महीने पुरानी भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है और अपराध दर बढ़ रही है.

गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पिछले सात महीनों में अपराध की घटनाओं में कमी आई है और कहा कि उनकी सरकार सुशासन प्रदान करने पर केंद्रित है.

एक तरफ जहां कांग्रेस ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा घेराव का आह्वान किया वहीं सदन के अंदर भी इसे लेकर साय सरकार पर जमकर हमला बोला.  शून्यकाल में कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस पेश कर इस पर चर्चा की मांग की.

विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस की स्वीकार्यता पर चर्चा की अनुमति दी.

 

विधायकों ने लगाए ये आरोप

चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता चरणदास महंत सहित कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है, जहां दिसंबर में भाजपा के सत्ता में आने के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ था.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिछले छह महीनों में हत्या की 562 घटनाएं, यौन शोषण के 859 मामले, डकैती के 29, लूट के 215, बलात्कार के 1,576, गांजा तस्करी के 713 और साइबर अपराध के कई मामले सामने आए हैं. आपराधिक मामलों में छत्तीसगढ़ की रैंकिंग बढ़ रही है.

 कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि हत्या, चाकूबाजी, बलात्कार, डकैती, धोखाधड़ी और तस्करी जैसे गंभीर अपराध अब रोजाना की बात हो गई है.

 उन्होंने आरोप लगाया, "रायपुर जिले के आरंग में भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के तीन लोगों की हत्या कर दी. पिछले छह महीनों में हत्या समेत सबसे ज्यादा अपराध गृह मंत्री के गृह जिले कबीरधाम में हुए हैं. राजधानी रायपुर ड्रग तस्करी का अड्डा बन गई है."

उठा बलौदा बाजार का मामला

विपक्षी विधायकों ने दावा किया कि 10 जून को बलौदाबाजार में (प्रदर्शन के दौरान) हुई हिंसा की घटना न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में कानून व्यवस्था की विफलता का उदाहरण बन गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि रायपुर के व्यवसायियों के लिए छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राज्य के बाहर के गैंगस्टरों को अपना व्यवसाय चलाने के लिए संरक्षण राशि देना अनिवार्य हो गया है.

कांग्रेस विधायकों ने दावा किया कि राज्य सरकार के संरक्षण में आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं और स्थगन प्रस्ताव नोटिस को स्वीकार करने और उस पर बाद में चर्चा की मांग की.

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने किया पलटवार

अपने जवाब में, उपमुख्यमंत्री शर्मा ने पिछली कांग्रेस सरकार (2018-23) के तहत हुई हत्या, बलात्कार और अन्य अपराधों की घटनाओं के आंकड़े पेश किए और विपक्षी दल को घेरने की कोशिश की. भाजपा सरकार के पिछले सात महीनों में अपराध की घटनाओं में वास्तव में कमी आई है.

 उन्होंने विधानसभा को बताया कि कोयला घोटाले और अन्य महत्वपूर्ण मामलों में सावधानीपूर्वक जांच चल रही है. शर्मा ने कहा कि कोयला परिवहन पर 25 रुपये प्रति टन के कथित अवैध लेवी संग्रह (कांग्रेस शासन के तहत) को रोकने के लिए, विष्णु देव साय सरकार ने पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई ऑफलाइन प्रक्रिया को समाप्त कर दिया.

 उन्होंने कहा कि बलौदाबाजार में हिंसा की घटना की जांच चल रही है. उपमुख्यमंत्री के जवाब के बाद स्पीकर रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस को खारिज कर दिया. इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया और कहा कि वे सरकार के जवाब से असंतुष्ट हैं.

    follow google newsfollow whatsapp