Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही सत्तापक्ष सदन में अपने ही विधायकों के तीखे तेवर से जूझ रहा है. प्रश्नकाल से लेकर ध्यानाकर्षण तक एक के बाद एक कई वरिष्ठ विधायक सरकार से तीखे सवाल करते और अपनी ही सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं. सदन में बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी (OP Choudhary) को जमकर घेरा.
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चंद्राकर ने ओपी चौधरी को घेरा
सवाल शुरू करने के पहले अजय चंद्राकर ने विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह (Raman Singh) से पूछ कि जो सवाल करना है वो पेज ही परिशिष्ट से गायब है. इस दौरान विधायकों ने टोका टोकी भी की, जिस पर बीच बीच में अजय चंद्राकर जवाब देते रहे कि अक्ल वाली बात है. चंद्राकर ने राखड़ के निष्पादन को लेकर सवाल किया कि52 लाख टन वेस्ट राखड़ में केवल 16 लाख टन ही राखड़ का निष्पादित किया गया. ऐसे में बचे राखड़ को कैसे डिस्ट्राय किया गया? इस पर ओपी चौधरी ने कहा कि एनजीटी के नियमों के हिसाब से ब्रिक्स बनाने में, नीचले एरिया के भू-भराव में, खाली खदानों को भरने में और रोड बनाने में राखड़ का निष्पादन किया जा रहा हैं.
रोका- टोकी पर कवासी लखमा पर भड़के चंद्राकर
वित्त मंत्री ओपी चौधरी के जवाब के दौरान भी अजय चंद्राकर ने वित्त मंत्री को विद्वान मंत्री कहते हुए तंज भी कसा. बीच में रोका टोकी को लेकर अजय चंद्राकर कांग्रेस विधायक कवासी लखमा पर भड़क गए. गुस्से में कहा कि बैठे- बैठे सीनियर आदमी हो बोलना नहीं चाहिए! इतना हीं नहीं अजय चंद्राकर को न्याय यात्रा में जाने की नसीहत भी दे दी. आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह को हस्तक्षेप कर मामला शांत कराना पड़ा.
अपनी ही सरकार पर विधायकों को गुस्सा क्यों?
छत्तीसगढ़ विधानसभा में कई मामलों को लेकर सत्ता पक्ष के विधायकों के अपने सरकार को घेरते नजर आ रहे है. इससे मंत्रीगण असहज तो हो ही रहे हैं. कई मामलों में सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों पर सवालिया निशान भी लग रहा है. नए विधायक हों या सीनियर विधायक, प्रश्नकाल हो या ध्यानाकर्षण. नई सरकार के मंत्री अपनी ही पार्टी के सदस्यों से घिरते नजर आ रहे हैं. ऐसे में ये सवाल भी उठ रहे है कि आखिर अपनी ही सरकार पर विधायकों का गुस्सा क्यों फूट रहा है?
ब्यूरो रिपोर्ट, छत्तीसगढ़ तक
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