छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिनीमाता की पुण्यतिथि पर बड़ा ऐलान किया है. मिनीमाता की पुण्यतिथि पर रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में बघेल ने कहा है कि सतनामी समाज बहुल हर विकासखण्ड में मॉडल जैतखाम का निर्माण किया जाएगा. इस दौरान सामाजिक उत्थान की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सतनामी समाज के 11 महिलाओं को सम्मानित भी किया गया.
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मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में पूर्व सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि शोषण, भेदभाव और अत्याचार से मुक्त और समतामूलक समाज के निर्माण में उनका योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता.
बता दें कि मिनीमाता छत्तीसगढ़ की पहली महिला थी, जो सांसद बनी थी. साल 1952 से 1972 तक सारंगढ़, महासमुंद तथा जांजगीर से वे सांसद रही.
‘मिनीमाता का सपना हर छत्तीसगढ़िया का सपना था’
सीएम बघेल ने कहा कि मिनीमाता जिस तरह के समाज के निर्माण का सपना देख रही थीं, असल में वह हर छत्तीसगढ़िया का सपना था. पिछले पौने पांच वर्षों से हम लोग हमारी पुरखिन मिनीमाता और हमारे तमाम पुरखों के सपनों के छत्तीसगढ़ का निर्माण करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अकादमी के नवनिर्वाचित सदस्यों को पद एवं कर्तव्य निष्ठा की शपथ दिलाई. सीएम बघेल ने इस मौके पर अकादमी के साहित्य प्रकाशन का विमोचन भी किया.
मिनीमाता को किया नमन
मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट किया है, “छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता जी की पुण्यतिथि पर सादर नमन. सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी मिनीमाता जी ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में महती भूमिका निभाई. बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में उन्होंने समाज से लेकर संसद तक अपनी आवाज उठाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थानीय निवासियों को रोजगार और औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्रों के कमज़ोर आय वर्ग की श्रमिक महिलाओं को प्रसूति के लिये आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए ‘मिनीमाता महतारी जतन योजना’ संचालित की जा रही है.”
उन्होंने कहा कि समाज एवं महिलाओं के उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनीमाता के नाम पर राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है. राज्य में हसदेव बांगो बांध को मिनीमाता के नाम से पहचान दी गई है. मिनीमाता का सेवाभावी और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सदा याद किया जाएगा.
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