Baloda Bazar Protest: बलौदाबाजार में सतनामी समाज द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शन को लेकर छत्तीसगढ़ के दो मंत्रियों ने कांग्रेस नेताओं ने भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया. एक सम्मेलन में पहुंचे खाद्य मंत्री दयालदास बघेल और राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने आरोप लगाया कि कुछ विधायकों सहित कांग्रेस नेता सतनामी समुदाय द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुए और इस प्रदर्शन को बढ़ावा दिया.
ADVERTISEMENT
मंत्री दयालदास बघेल ने कहा प्रदर्शन में कुछ लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से सतनामी समाज को बदनाम करने के लिए आगजनी,लूटपाट, सरकारी संपत्ति को नुकसान, हत्या का प्रयास जैसे गंभीर अपराध किए, जो निंदनीय है. सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। असामाजिक तत्वों ने लगभग 150 दोपहिया और चार पहिया वाहन में आग लगा दी. उन्होंने दावा किया कि पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, निवर्तमान विधायक देवेन्द्र यादव और कविता प्राणलहरे सहित कांग्रेस नेता प्रदर्शन में शामिल हुए थे.
'साय सरकार को बदनाम करने की कोशिश'
मंत्री बघेल ने आगे कहा कि इन कांग्रेस नेताओं ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से आगजनी एवं लूट की घटना को बढ़ावा दिया. यह घटना कांग्रेस की सोची-समझी साजिश का नतीजा थी. विष्णुदेव साय सरकार को बदनाम करने की नापाक कोशिश की गई. बघेल ने दावा किया कि एक बाहरी संगठन भीम आर्मी का भी समर्थन लिया गया. हालांकि विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा मंत्रियों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया.
बता दें, सोमवार को हुए इस हिंसक प्रदर्शन में एसपी कार्यालय, कलेक्ट्रेट में आग लगा दी गई थी. यहां तक कि 3 फायर ब्रिगेड़ को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था.इस हिंसक झड़प में 40 पुलिसकर्मी घायल हुए और यहां तक कि मीडियाकर्मियों को भी पीटा गया. मंत्री बघेल ने कहा कि संपत्ति के पंजीकरण के लिए बलौदाबाजार शहर के रजिस्ट्री अधिकारी के पास आए लोगों से लाखों रुपये लूटे गए.
200 से ज्यादा लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी
खाद्य मंत्री ने कहा, 'शांति और भाईचारे का संदेश देने के लिए जाने जाने वाले सतनामी समुदाय द्वारा ऐसा अपराध कभी नहीं किया जा सकता। पूरी घटना के पीछे एक राजनीतिक साजिश है.'बघेल ने आरोप लगाया कि यह दुखद घटना कांग्रेस की साजिश के कारण हुई है जो केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार को बर्दाश्त करने में असमर्थ है. मंत्री ने बताया कि आगजनी के मामले में अब तक 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
ये था पूरा मामला
बता दें,15-16 मई की रात को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास अज्ञात व्यक्तियों ने सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' को तोड़ दिया था. पुलिस ने बाद में बेअदबी के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. इस बेअदबी के विरोध में समुदाय ने सोमवार को बलौदाबाजार शहर के दशहरा मैदान में प्रदर्शन करने और कलेक्टर कार्यालय का 'घेराव' करने का आह्वान किया था.
सीएम ने सतनाम समुदाय के लोगों से की मुलाकात
मंत्री बघेल ने कहा कि समुदाय बेअदबी की घटना की न्यायिक जांच के आदेश से संतुष्ट है और वे सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए थे. बलौदाबाजार-भाटापारा के पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने कहा कि सोमवार को हुई आगजनी के संबंध में सात प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और दोषियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए 12 पुलिस टीमें गठित की गई हैं.अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, मुख्यमंत्री साय ने देर शाम रायपुर स्थित अपने सरकारी आवास पर सतनामी समुदाय के लोगों से मुलाकात की और बलौदाबाजार शहर की घटना पर चर्चा की.
कांग्रेस ने किया पलटवार
हालांकि, भाजपा मंत्रियों के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने दावा किया कि मंत्री अपनी सरकार की विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, 'मंत्री दयालदास बघेल ने अपनी सरकार की विफलता और अक्षमता को छिपाने के लिए कांग्रेस पर निराधार आरोप लगाए. लगभग एक महीने पहले, असामाजिक तत्वों ने पवित्र जैतखाम में तोड़फोड़ की थी और तब से समुदाय नाराज था और जांच और कार्रवाई की मांग कर रहा था. असली दोषियों के खिलाफ सरकार ने तब कार्रवाई क्यों नहीं की? बड़ी संख्या में लोग जुटने वाले थे और इसकी जानकारी प्रशासन को भी थी, लेकिन फिर भी कोई कदम नहीं उठाया गया. आगजनी की इस घटना के लिए सत्तारूढ़ भाजपा जिम्मेदार है.'इससे पहले पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है और सीएम साय को बलौदाबाजार हिंसा की जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ देना चाहिए.
ADVERTISEMENT