Chhattisgarh CM Oath Ceremony: छत्तीसगढ़ में विष्णु राज; सीएम बन गए साय, साव-शर्मा ने ली डिप्टी सीएम पद की शपथ

Chhattisgarh CM Oath Ceremony- छत्तीसगढ़ में अब विष्णु राज आ गया है… भाजपा विधायक दल के नेता और कुनकुरी सीट से विधायक विष्णु देव साय…

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Chhattisgarh CM Oath Ceremony- छत्तीसगढ़ में अब विष्णु राज आ गया है… भाजपा विधायक दल के नेता और कुनकुरी सीट से विधायक विष्णु देव साय ने बुधवार को रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और विधायक विजय शर्मा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने साय और उनके दो डिप्टी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी और कुछ राज्य के मुख्यमंत्री शामिल हुए.

साय (59) 2020 में बने छत्तीसगढ़ राज्य के चौथे मुख्यमंत्री होंगे.

साव (54) प्रभावशाली साहू (तेली) ओबीसी समुदाय से हैं. जबकि शर्मा (50), ब्राह्मण, राज्य भाजपा के महासचिव हैं.

 

डिप्टी सीएम बन गए ये दो नेता…

प्रभावशाली साहू (तेली) ओबीसी समुदाय से आने वाले साव  डिप्टी सीएम बन गए हैं.

वकील से नेता बने साव विवादों से दूर रहे हैं और उन्हें एक तटस्थ नेता के रूप में देखा जाता है, जो राज्य भाजपा इकाई के किसी भी खेमे से नहीं आते हैं.

उन्होंने हाल के चुनावों में अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी थानेश्वर साहू के खिलाफ लोरमी विधानसभा सीट 45,891 वोटों से जीती.

वहीं एक और डिप्टी सीएम भाजपा महासचिव विजय शर्मा हैं, जिन्होंने कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावशाली कांग्रेस नेता और निवर्तमान मंत्री मोहम्मद अकबर को 39,592 वोटों से हराया.

कौन है साय?

पूर्व केंद्रीय मंत्री साय छत्तीसगढ़ भाजपा प्रमुख भी रह चुके हैं, पिछले महीने विधानसभा चुनाव में राज्य के सरगुजा संभाग की कुनकुरी सीट से विधायक चुने गए. बता दें कि भाजपा ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटें हासिल कीं, एक उपलब्धि जिसने पार्टी की जीत की संख्या में महत्वपूर्ण संख्याएं जोड़ दीं.

साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक गांव के सरपंच के रूप में की और महत्वपूर्ण संगठनात्मक भूमिकाएं निभाने के अलावा केंद्रीय मंत्री और कई बार लोकसभा सदस्य बने. वह आदिवासी बहुल जशपुर जिले के एक छोटे से गांव बगिया में रहने वाले एक किसान परिवार से हैं.

1989 में, वह बगिया ग्राम पंचायत के ‘पंच’ के रूप में चुने गए और अगले वर्ष निर्विरोध सरपंच बन गए. भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव ने 1990 में साय को चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया था. उसी वर्ष, साय अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा (जशपुर जिले में) से भाजपा के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए थे. 1993 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यह सीट बरकरार रखी.

साय का आरएसएस के साथ भी अच्छे संबंध हैं. 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद साय को इस्पात और खनन राज्य मंत्री बनाया गया था. आदिवासी राजनेता ने 2006 से 2010 तक और फिर जनवरी से अगस्त 2014 तक भाजपा के छत्तीसगढ़ प्रमुख के रूप में कार्य किया. 2018 में राज्य में भाजपा की सत्ता खोने के बाद, उन्हें 2020 में फिर से छत्तीसगढ़ में पार्टी का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई.

शाह का वादा हुआ पूरा…

इस साल नवंबर में चुनावों से पहले साय को जुलाई में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य नामित किया गया था. चुनाव में उन्हें कुनकुरी (जशपुर जिला) से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक यूडी मिंज को 25,541 वोटों से हराकर जीत हासिल की.

विशेष रूप से पिछले महीने कुनकुरी निर्वाचन क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने मतदाताओं से साय को चुनने का आग्रह किया था, और वादा किया कि अगर पार्टी राज्य में सत्ता में वापस आती है तो साय को “बड़ा आदमी” बना दिया जाएगा. अब साय के सीएम बनने को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.

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