Chandrayaan-3 Landing- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों और देश की जनता की सराहना की. साथ ही उन्होंने इसरो की स्थापना के लिए भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु का भी जिक्र किया. सीएम ने कहा कि 75 साल पहले उन्होंने जो कल्पना की थी आज वह साकार हो रही है.
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दुर्ग जिले के कुम्हारी में अपने जन्मदिवस के अवसर पर भूमि पूजन और लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “खूब बधाई हो, बहुत-बहुत बधाई हो. नेहरू जी ने इसरो को स्थापित किया था. 75 साल पहले उन्होंने जो कल्पना की थी आज वह साकार हो रही है. सभी को बधाई.”
वहीं इससे पहले उन्होंने एक बयान में कहा, ‘हमारे वैज्ञानिकों ने इस कठिन मिशन को सफल बनाकर इतिहास रचा है.’
बघेल ने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला दुनिया का पहला और चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है. उन्होंने कहा कि देशवासियों को इस उपलब्धि पर गर्व है.
चंद्रमा की सतह पर उतरा चंद्रयान, रचा इतिहास
बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर गया. लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की. इस कामयाबी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. जबकि भारत अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया.
दक्षिणी ध्रुव में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने वाला पहला देश बना भारत
गौरतलब है कि चंद्रमा की सतह पर अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर चुके हैं, लेकिन इनमें से कोई भी देश ऐसा नहीं है जिसकी ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में हुई है. चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग में करीब 15 से 17 मिनट लगे. चंद्रयान 3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.30 बजे लॉन्च किया गया था.
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