CGPSC exam 2022- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) के 2022 के नतीजों की घोषणा होने के बाद अब इस पर सवाल उठने लगे हैं. भाजपा ने मंगलवार को इसमें धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. साथ ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.
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भाजपा के प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने आरोप लगाया है कि अपने चहेतों को चयनित कराने के लिए पीएससी परीक्षा में धांधली की गई है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भूपेश सरकार ने ऐसी कोई जगह नहीं छोड़ी है जहां माफियाराज न हो. पीएससी जो कि संवैधानिक संस्था है उसमें भी कई किस्म की विसंगितियां और धांधलियां आती रही हैं. हम लोग पिछले चार पांच सालों से लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. अभी हालिया पीएससी के नतीजों में निराशाजनक तथ्य सामने आए हैं.”
उन्होंने उदाहरण देते हुए दावा किया कि परीक्षा में हनुमान सिंह के बारे में पूछा गया था लेकिन एक अभ्यर्थी ने वीरनारायण सिंह के बारे में लिखा था. लेकिन इसमें आठ अंक में से साढ़े पांच अंक मिला है. जबकि जिन्होंने सही उत्तर लिखा उन्हें चार अंक प्रदान किया गया.
‘छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ धोखा’
ओपी चौधरी ने ऐसे कई उदाहरणों के जरिए पीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह यह मामला सामने आ रहा है इससे यही लगता है कि उत्तर की जांच की ही नहीं गई है या फिर औपचारिकता के लिए उत्तरों की जांच की गई है. उन्होंने कहा कि लगता है कि अपने चहेतों को अंक देकर चयनित करा दिया गया. जिस तरह के तथ्य और दस्तावेज सामने आ रहे हैं वे बेहद आपत्तिजनक हैं और इससे आशंका उत्पन्न हो रही है. यह छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है.
सीबीआई जांच की मांग
चौधरी ने कहा कि शिक्षा में माफिया, पीएससी में माफिया, रोजगार में माफिया भूपेश बघेल की सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ में चरितार्थ करके छत्तीसगढ़िया भाई बहनों को सबसे बड़ा धोखा दिया है. यह अत्यंत दुर्भाग्यजनक है. उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा, “इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.”
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