छत्तीसगढ़ राजनीति: साव और शर्मा की शपथ पर अकबर ने उठाए सवाल, भड़की बीजेपी; क्या है विवाद?

Akbar Vs BJP- छत्तीसगढ़ की राजनीति में साल 2023 के जून महीने का शुरुआती सप्ताह बेहद अहम था. इस वक्त एक खास नेता को साधने के…

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Akbar Vs BJP- छत्तीसगढ़ की राजनीति में साल 2023 के जून महीने का शुरुआती सप्ताह बेहद अहम था. इस वक्त एक खास नेता को साधने के लिए प्रदेश की सियासत में एक नए पद की एंट्री हुई. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव उपमुख्यमंत्री बनाए गए. यह पहला मौका था जब प्रदेश में किसी को यह जिम्मेदारी दी गई. वहीं जब प्रदेश में बघेल सरकार को मात देकर बीजेपी ने सत्ता की कमान संभाली तब यहां मुख्यमंत्री के साथ दो उपमुख्यमंत्रियों ने शपथ ली. यह भी राज्य में पहली बार हुआ जब दो डिप्टी सीएम बनाए गए. लेकिन अब दोनों डिप्टी सीएम की शपथ को लेकर दिए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर के ताजा बयान ने नया विवाद पैदा कर दिया है.

13 दिसंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ अरुण साव और विजय शर्मा ने छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है इसलिए उप मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है. ऐसी शपथ विधि की दृष्टि में शून्य है. बता दें कि संवैधानिक प्रावधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है.

वीडियो: निशाने पर अकबर

‘पद और गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं’

पूर्व मंत्री ने कहा, “संवैधानिक प्रावधान यह है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल करेगा लेकिन किसी राज्य के मंत्री परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के पंद्रह प्रतिशत से अधिक नहीं होगी.”

उन्होंने आगे कहा कि संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है इसलिए उप मुख्यमंत्री के पद और गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है. ऐसी शपथ विधि की दृष्टि में शून्य है. संविधान की तृतीय अनुसूची में पद और गोपनीयता की शपथ का स्पष्ट प्रारूप है. अरुण साव और विजय शर्मा ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है इसलिए उप मुख्यमंत्री के रूप में इनके द्वारा किया गए कार्य असंवैधानिक है.

बीजेपी ने दिया ये जवाब

कांग्रेस नेता के बयान पर भाजपा सहप्रभारी नितिन नबीन ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि संविधान ने उनके साथ जो हिसाब-किताब किया है, उसका ध्यान रखें. जनता ही संविधान बनाती है. उन्होंने दावा किया कि रायपुर से कवर्धा तक पूरी आतंक मचाए हुए थे. अब सबकी जांच होगी. उन्होंने कहा कि सीबीआई को आने नहीं देते थे, अब सीबीआई भी आएगी.

कौन हैं मोहम्मद अकबर?

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मोहम्मद अकबर का नाम काफी सुर्खियों में रहा है. वे कांग्रेस की ओर से एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार रहे. लेकिन भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा ने तब के मंत्री अकबर को कवर्धा सीट से 41 हजार 376 मतों से हरा दिया. खास बात यह है कि साल 2018 के चुनाव में मोहम्मद अकबर 60 हजार मतों से जीते थे. वह साल 2018 में इसी सीट से भाजपा के अशोक साहू के खिलाफ विजयी हुए थे, जबकि इस सीट पर साहू की अच्छी खासी आबादी है.

साल 2018 से पहले भाजपा ने साल 2008 और साल 2013 दोनों में इस सीट पर जीत हासिल की थी. साल 2013 के चुनावों में मोहम्मद अकबर ने पहली बार चुनाव लड़ा, लेकिन अशोक साहू से 2,558 वोटों के मामूली अंतर से हार गए.  अशोक साहू को 93,645 वोट मिले, वहीं मोहम्मद अकबर को 91,087 वोट मिले.

साल 2021 में कवर्धा में हुई सांप्रदायिक घटना ने इस विधानसभा सीट की पूरी सियासत बदल दी. इस के बाद इस सीट पर बीजेपी ने विशेष ध्यान दिया. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं ने यहां प्रचार अभियान में शिरकत की और अकबर के खिलाफ मोर्चा खोला. बहरहाल, अब प्रदेश में बीजेपी सरकार के आने के बाद पूर्व मंत्री के ताजा बयान और उस पर बीजेपी के पलटवार ने यहां के सियासी समर में नए दरवाजे खोल दिए हैं.

इसे भी देखें- रमन सिंह ने की मोहम्मद अकबर की तारीफ

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