भाजपा की नई टीम: छत्तीसगढ़ से तीन नेताओं को क्यों मिली जगह, जानें क्या है सियासी संदेश?

BJP NEW TEAM- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Elections 2023) में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके लिए राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां-कांग्रेस (Chhattisgarh…

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BJP NEW TEAM- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Elections 2023) में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके लिए राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां-कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) और भाजपा (Chhattisgarh BJP) ने कमर कस ली है. पिछले विधानसभा चुनावों में बुरी तरह पराजित भाजपा इस बार किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है. इसकी बानगी केन्द्रीय नेताओं के लगातार प्रदेश दौरे और भाजपा की नई टीम के ऐलान में देखी जा सकती है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) की नई टीम में छत्तीसगढ़ के तीन नेताओं को न सिर्फ जगह मिली है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. पार्टी के इस अहम फैसले के जरिए राज्य के लिए भाजपा की नई रणनीति के सियासी सूत्र बखूबी तलाशे जा सकते हैं.

भाजपा ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह(Dr. Raman Singh), राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय (Saroj Pandey) और पूर्व मंत्री लता उसेंडी (Lata Usendi) को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद दिया है. हालांकि रमन सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के तौर पर यह जिम्मेदारी पहले से ही संभाल रहे थे, नई टीम में भी पार्टी ने उन्हें इस पद पर बरकरार रखा है. माना जा सकता है कि छत्तीसगढ़ जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य से तीन नेताओं को उपाध्यक्ष बनाया जाना राज्य में आगामी चुनाव से पहले भाजपा की गंभीरता को रेखांकित करता है. इसके अलावा, नई टीम की घोषणा में और भी महत्वपूर्ण सियासी संदेश की झलक साफ देखी जा सकती है-

भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ अहम

आगामी विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Elections 2023) से पहले राज्य की सियासत में पार्टी आलाकमान का फोकस किस तरह बढ़ा है, यह बात किसी से छुपी नहीं है. पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार माने जाने वाले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से लेकर अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के लगातार छत्तीसगढ़ दौरे ने भी साफ कर दिया है कि पार्टी सत्तारुढ़ कांग्रेस से जमकर टक्कर लेने के मूड में है. अब नई टीम में 13 राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में से तीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की कमान प्रदेश के खाते में डालकर राज्य को संगठन में तरजीह देने की कोशिश की गई है. छत्तीसगढ़ के अलावा सिर्फ उत्तर प्रदेश से तीन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. लिहाजा, कहा जा सकता है कि भाजपा ने राष्ट्रीय संगठन में प्रदेश के तीन नेताओं को जगह देकर सियासी लिहाज से छत्तीसगढ़ को अहमियत दी है.

महिलाओं को तरजीह

छत्तीसगढ़ भाजपा (Chhattisgarh BJP) महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भूपेश सरकार को लगातार घेरने में लगी है. वहीं मणिपुर (Manipur) की घटना के बहाने हाल ही में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा था. समझा जाता है कि चुनाव से पहले भाजपा महिला सुरक्षा को मुद्दा बनाकर कांग्रेस से लोहा लेने के फिराक में है. इस बीच प्रदेश से दो महिलाओं को उपाध्यक्ष बनाया जाना भी इस रणनीति का हिस्सा हो सकता है. पार्टी ने छत्तीसगढ़ से जिन तीन नेताओं को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है उनमें से दो महिलाएं हैं. राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और पूर्व मंत्री लता उसेंडी को अहम जिम्मेदारी देकर पार्टी ने यह जताने की कोशिश की है कि वह महिलाओं को प्रमुखता देती है.

आदिवासियों पर फोकस

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में आदिवासियों की बड़ी आबादी निवास करती है. किसी भी राजनीतिक दल के लिए ये बड़े वोट बैंक हैं. भाजपा शुरुआत से ही आदिवासियों को साधने की कवायद कर रही है. आदिवासी समाज से आने वाली सरगुजा से लोकसभा सांसद रेणुका सिंह को केन्द्रीय जनजाति विकास राज्यमंत्री बनाया जाना इसका बड़ा उदाहरण है. अब रमन सरकार में मंत्री रहीं लता उसेंडी को संगठन में बड़ी भूमिका देना भी पार्टी की ‘आदिवासियों पर फोकस’ वाली रणनीति की ओर तस्दीक करता है.

रमन पर भरोसा

माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में भाजपा इस बार बगैर सीएम फेस के चुनावी मैदान में उतरेगी. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr Raman Singh) अब भी पार्टी के लिए सबसे बड़ा चेहरा बने हुए हैं. पार्टी की लाख कोशिशों के बावजूद चुनाव से पहले किसी और चेहरे की चमक ‘चांउर वाले बाबा’ के बरक्स फीकी ही रही है. शायद संगठन भी इस बात को भलीभांति समझ चुका है, इसीलिए नड्डा ने रमन सिंह पर दोबारा भरोसा किया. रमन सिंह पहले भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका में रहे हैं. अब नई टीम में भी उनकी यथावत उपयोगिता उन पर पार्टी के यकीन की ओर इशारा करती है. यानी इसका दूसरा अर्थ यह भी निकाला जा सकता है कि चुनावी मैदान में ‘चांउर वाले बाबा’ परोक्ष रूप से पार्टी का चेहरा बने रहेंगे.

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