महादेव ऐप मामले में फिर बढ़ी बघेल की मुश्किल, पूर्व सीएम ने उठाए सवाल; समझें पूरा मामला

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• 11:44 AM • 06 Jan 2024

Mahadev betting app case: महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में एक बार फिर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.…

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Mahadev betting app case: महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में एक बार फिर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल, ईडी ने अदालत को बताया है कि बेटिंग ऐप मामले में गिरफ्तार कूरियर अपने बयान पर कायम है. ईडी के अनुसार, कूरियर ने दावा किया था कि उसे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को नकदी “डिलीवर” करने के लिए भेजा गया था. वह अपने बयान पर कायम है. इससे पहले वह अपने बयान से मुकर गया था. बता दें कि महादेव ऐप के मुद्दे को विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान बीजेपी प्रमुखता से उठाती रही है. जबकि बघेल समेत अन्य कांग्रेस नेता इसे साजिश करार देते रहे हैं. बघेल ने शनिवार को कहा कि यह राजनीतिक षड्यंत्र है. इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुँचाने का ही रह गया है.

संघीय एजेंसी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले पिछले नवंबर में रायपुर के एक होटल से कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था. इसमें दावा किया गया था कि दास ने “स्वीकार किया कि जब्त की गई धनराशि (5.39 करोड़ रुपये नकद) को महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी.”

पिछले साल के अंत में अदालत में पेशी के दौरान दास ने कहा था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी किसी को नकदी नहीं दी थी.

अब आया नया मोड़

प्रवर्तन निदेशालय ने अब 1 जनवरी को रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी दूसरी अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) में सूचित किया है कि दास ने पिछले साल 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज किया था जिसमें वह “मुकर गए थे” उनका 3 नवंबर का बयान किसी ऐसे व्यक्ति के प्रभाव में दिया गया था जो उनके (दास के) वकील के साथ आया था.”

ईडी ने कहा कि दास ने कहा कि पिछले साल 3 नवंबर को एजेंसी को दिया गया उनका पहला बयान “सच्चा और सही” था, जिसमें उन्होंने बघेल का नाम उद्धृत किया था.

अपने नवंबर के बयान में, कूरियर ने ईडी को बताया था कि महादेव ऐप के प्रमोटर सुभम सोनी ने उसे अक्टूबर 2023 में दुबई बुलाया था और कहा था कि उसे “नकदी प्रदान की जाएगी जिसे भूपेश बघेल को दिया जाना था…” .

ईडी ने कहा कि महादेव ऐप के “वित्तीय संचालन में प्रमुख सदस्य” सोनी उसके सामने पेश नहीं हुए, लेकिन पिछले साल 2 नवंबर को एक ईमेल भेजा, जिसमें दावा किया गया कि “अतीत में और अब तक महादेव ऐप प्रमोटर्स द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये का नियमित रिश्वत भुगतान किया गया है.”

संयोग से, दास के 62 वर्षीय पिता सुशील दास 6 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक कुएं में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे.

दुबई पुलिस की हिरासत में हैं दोनों प्रमोटर

पिछले साल दायर की गई पहली चार्जशीट में, ईडी ने कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रमोटरों – सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल – सहित अन्य को नामित किया था. इन दोनों को हाल ही में ईडी के आदेश पर जारी इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया है और एजेंसी उन्हें संयुक्त अरब अमीरात से भारत निर्वासित या प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है.

सक्सेस पार्टी में शामिल हुए थे कई सितारे

सोनी ने एजेंसी को यह भी बताया कि 18 सितंबर, 2022 को दुबई में प्रमोटरों की ओर से एक सक्सेस पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें कई “बॉलीवुड सितारे” शामिल हुए थे.

ईडी ने इस मामले में अपने बयान दर्ज कराने के लिए अभिनेता रणबीर कपूर और हुमा कुरेशी और हास्य अभिनेता कपिल शर्मा सहित अन्य को तलब किया है.

क्या बोले बघेल?

बघेल ने ईडी के आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है. एक्स पोस्ट पर उन्होंने लिखा, “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है. ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ़्तार कर रही है और उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के ख़िलाफ़ बयान दिलवा रही है. इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं उनका कोई आधार नहीं है.

उन्होंने कहा, “जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया. अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है. यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं.”

बघेल ने पूछा, “अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है. इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी.”

बघेल ने कहा कि ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है. हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है. ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है.

पूर्व सीएम ने कहा कि महादेव ऐप के घोटाले की जाँच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी. मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे. छत्तीसगढ़ सरकार की इस जाँच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जाँच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जाँच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है.

बघेल ने आरोप लगाया कि महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुँचाने का ही रह गया है.

सिंहदेव का मिला सपोर्ट

इस मामले में पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए राज्य चुनावों से पहले भी भूपेश बघेल का नाम लिया गया था. असीम दास के बयान के आधार पर नाम जोड़ा गया है लेकिन उन्होंने खुद लिखकर दिया है कि उन पर दबाव डाला गया और ईडी ने बयान लिया. पूरे देश में ईडी का खेल चल रहा है. मैं इस कार्रवाई को उसी संदर्भ में देखता हूं. किसने पैसा प्राप्त किया और इसका उपयोग कहां किया गया? सबसे पहले, उन्हें (ईडी) मनी ट्रेल को साबित करना होगा.

 

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