Balodabazar Violence: ‘बीजेपी की मिलीभगत से हुई हिंसा’, बघेल का साय सरकार पर बड़ा आरोप

पिछले सप्ताह बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय की ओर से आयोजित प्रदर्शन के दौरान आगजनी और हिंसा को रोकने में भाजपा सरकार की कथित विफलता के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस ने पूरे छत्तीसगढ़ में विरोध प्रदर्शन किया.

Bhupesh Baghel on Balodabazar violence

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Balodabazar Violence: पिछले सप्ताह बलौदाबाजार शहर में सतनामी समुदाय की ओर से आयोजित प्रदर्शन के दौरान आगजनी और हिंसा को रोकने में भाजपा सरकार की कथित विफलता के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस ने पूरे छत्तीसगढ़ में विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजधानी रायपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस्तीफे की मांग की.

जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के राजीव गांधी चौक में विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, वहीं विपक्ष के नेता चरणदास महंत कोरिया जिले में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.

बघेल ने बताया बीजेपी का किया-धरा...

विष्णु देव साय सरकार पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा कि 15-16 मई की रात को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास सतनामी समुदाय द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक 'जैतखाम' ('विजय स्तंभ') के कथित अपमान में राज्य सरकार की कार्रवाई से सतनामी असंतुष्ट हैं.

पुलिस ने पिछले महीने की घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने 10 जून को सतनामी समुदाय के किए गए प्रदर्शन में मदद की. प्रदर्शन के दौरान सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई. भाजपा नेताओं ने प्रदर्शनकारियों के लिए व्यवस्था की. यहां तक ​​कि प्रदर्शन की अनुमति मांगने वाला पत्र भी बलौदाबाजार में भाजपा नेता सनम जांगड़े ने जिला कलेक्टर को सौंपा.प्रदर्शनकारियों के लिए टेंट और भोजन की व्यवस्था भाजपा ने की थी.

बघेल ने दावा किया, "अगर भाजपा (प्रदर्शन में) शामिल नहीं होती तो (प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा) बैरिकेडिंग मजबूत होती, अगर वे (भाजपा) शामिल नहीं होते तो पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होती, अगर वे शामिल नहीं होते तो हल्का बल प्रयोग किया जाता, अगर वे शामिल नहीं होते तो पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया जाता. लेकिन कोई निवारक उपाय नहीं किए गए, जिसका मतलब है कि हिंसा भाजपा नेताओं और स्थानीय प्रशासन के बीच मिलीभगत के कारण हुई.

पूर्व सीएम ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ और देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कार्यालयों में आग लगाई गई. बघेल ने आगजनी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "यह अक्षम भाजपा सरकार आस्था के केंद्र और सार्वजनिक कार्यालयों की रक्षा करने में विफल रही है."

उन्होंने मुख्यमंत्री साय के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो गृह विभाग भी संभालते हैं, की भी आलोचना की और कहा कि वे अपने गृह जिले कबीरधाम की देखभाल करने में असमर्थ हैं, जहां पिछले कुछ महीनों में अपराध की कई घटनाएं हुई हैं.

क्या है पूरा मामला?

10 जून को, बलौदाबाजार शहर में 'जैतखाम' के कथित अपमान के खिलाफ सतनामी समुदाय द्वारा बुलाए गए प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने एक सरकारी इमारत और दोपहिया और चार पहिया वाहनों सहित 150 से अधिक वाहनों में आग लगा दी. अपमान के विरोध में, समुदाय ने बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में एक प्रदर्शन का आह्वान किया और कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी किया.

विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव होने के बाद जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी है, जिसके तहत 16 जून तक बलौदाबाजार शहर में चार या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई. निषेधाज्ञा को 20 जून तक बढ़ा दिया गया है. मध्यकालीन युग के समाज सुधारक बाबा गुरु घासीदास के स्थापित प्रभावशाली सतनामी समुदाय छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े अनुसूचित जाति समूह का प्रतिनिधित्व करता है.

हिंसा के बाद राज्य सरकार ने बलौदाबाजार-भाटापारा कलेक्टर केएल चौहान और एसपी सदानंद कुमार का तबादला कर दिया था और फिर जैतखाम के अपमान के बाद उचित कार्रवाई नहीं करने के आरोप में दोनों को निलंबित कर दिया था.

132 लोग गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि सोमवार (17 जून) तक हिंसक घटनाओं के सिलसिले में 132 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राज्य के मंत्री दयालदास बघेल और टंक राम वर्मा ने पहले कांग्रेस नेताओं पर प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था, "शांति और भाईचारे का संदेश देने वाले सतनामी समुदाय की ओर से ऐसा अपराध कभी नहीं किया जा सकता. इस पूरी घटना के पीछे एक राजनीतिक साजिश थी." कांग्रेस ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया था.

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