Amit jogi on Balodabazar protest: बलौदाबाजार में हुई हिंसा को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है. अब इस बवाल में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की एंट्री हो गई है. इस हिंसा के विरोध में उन्होंने 1 जुलाई से आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है. उन्होंने सतनाम समाज की प्रताड़ना को लेकर बीजेपी सरकार के साथ-साथ पूर्व की कांग्रेस सरकर पर गंभीर आरोप लगाए.
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जेसीसीजे नेता अमित जोगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा- धर्मपुरा से लेकर अमर गुफा तक, विगत 6 सालों से भूपेश बघेल की कांग्रेस और बीजेपी सरकार ने सतनाम पंथ के अनुयायियों को अपनी वोटबैंक पॉलिटिक्स के कारण प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. भूपेश सरकार ने उनका आरक्षण- 16 से 13%- कम कर दिया,उनके धर्म स्थलों को ध्वस्त कर दिया और उनकी जगह- 30,000 आरक्षित पदों में-अन्य वर्गों को रोज़गार दे दिया और इन सबके विरोध में लड़ाई लड़ने वाले समाज के युवाओं को जेल में डाल दिया।यही कारण है कि दिसंबर 2023 में सरकार को बदल दिया.
सतनामी समाज हो चुका है नेतृत्वहीन- जोगी
बलौदाबाजार एसपी की 10 मई 2024 की अमर गुफा घटना की फ़र्ज़ी विवेचना और 15 जून 2024 की अभूतपूर्व प्रशासनिक विफलता सिद्ध करती है कि बीजेपी सरकार भी भूपेश सरकार की राह में चल रही है.सतनामी समाज के गिरौधपुरी से लेकर भंडारपुरी धाम तक लगभग सभी गुरुओं ने सत्ता के साथ 1980 से अपनी-अपनी बदलती राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण सरकार न कि समाज का साथ दिया है।. यही कारण है कि सदियों से ग़ुलामी के खिलाफ बग़ावत करने वाला सतनामी समाज सामाजिक और राजनीतिक रूप से पूर्णतः नेतृत्वविहीन हो चुका है और गुरुओं की जगह समाज के युवाओं ने ले ली है.
जोगी ने बीजेपी-कांग्रेस दोनों को चेताया
जोगी ने आगे लिखा कि 10 मई 2024 की अमर गुफा एक अकेली घटना नहीं थी. इसे 22 जुलाई 2022 को धर्मपुरा के जैतख़ाम और भूपेश बघेल सरकार द्वारा बुलडोज़र से गुरुद्वारा के ध्वस्तीकरण के साथ जोड़ना आवश्यक इसलिए है क्योंकि दोनों राष्ट्रीय दलों बीजेपी और कांग्रेस ने सतनामी समाज की ताकत को ख़त्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसका ख़ामियाज़ा दोनों को भुगतना पड़ेगा.
बलौदाबाजार में होगा अनशन
अमित जोगी ने आगे लिखा, 'वर्ष 2001 में कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि नान साहेब के आग्रह पर पापा स्वर्गीय अजीत जोगी ने कवर्धा ज़िले का नाम कबीरधाम कर दिया था। इसी परंपरा का निर्वहन करके बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि, मातृभूमि और कर्मभूमि, नवनिर्मित ज़िला बलौदाबाजार को “घासीदासधाम” करने और हाई कोर्ट के जज की विवेचना रिपोर्ट आने तक सभी बंदियों की निःशर्त रिहाई की दो मांगों को लेकर मैं 1 जुलाई 2024 से बलौदाबाजार में आमरण अनशन करुंगा. यही मेरे स्वर्गीय पिता जी को सही श्रद्धांजलि होगी.'
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