इसी साल छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी गांव गांव जाकर एक खास कैंपेन चलाने का प्लान तैयार कर रही है. ‘छत्तीसगढ़ Tak’ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इन राज्यों में आम आदमी पार्टी ने प्रचार के लिए 3 लेवल तैयार किए हैं.
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विपक्षी दलों की एकता से अलग आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर चुकी है. आम आदमी पार्टी खासतौर पर इन राज्यों के गांव में फोकस कर रही है. AAP नेता ने बताया कि गांव के 20 घरों पर एक पदाधिकारी को नियुक्त किया गया है. आम आदमी पार्टी जनसंवाद और नुक्कड़ सभा के जरिए अलग अलग फेज़ में गांव गांव जाकर लोगों से मिलेगी.
आम आदमी पार्टी नेता ने बताया कि चुनावी राज्यों में आम आदमी पार्टी का संगठन गांव-गांव तक पहुंच गया है. आम आदमी पार्टी ने अपने संगठन को 4 लेवल पर विभाजित किया है. इनमें राज्यों, जिलो, विधानसभा और गांव के स्तर पर संगठन तैयार किया गया है. हर चुनावी राज्य के हर गांव में 11 सदस्यों की एक टीम बनाई गई है. हर राज्य में 50 हजार गांव का टारगेट है, यानी हर राज्य में साढ़े 5 लाख अधिकारिक कार्यकर्ता और नेता मौजूद है. आम आदमी पार्टी के सभी वॉलिंटियर्स को अधिकारिक आईडी कार्ड भी दिए गए हैं और बकायदा एक ट्रेनिंग के बाद गांव गांव में प्रचार के लिए भेजा जाता है. हम संगठन का एक तंत्र बिछा रहे हैं, तीनों राज्यों में 90% से अधिक संगठन बन चुका है.
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के 50 हजार गाँव में होगा डोर टू डोर कैंपेन
आम आदमी पार्टी नेता के मुताबिक पार्टी राज्य, जिला, विधानसभा और गांव के स्तर पर अपने कैंपेन को अंजाम देगी. इसमें सबसे अहम कैंपेन गांव में जाकर जनता से संवाद करना है. आम आदमी पार्टी जनता के हाथ में माइक देगी और उनकी समस्याओं और मुद्दों को सुनेगी. गांव में कैंपेन के दौरान आम आदमी पार्टी के नेता गांव के लोगों से पंजाब और दिल्ली के मॉडल के बारे में पूछेंगे. गांव में जनता संवाद के बाद आम आदमी पार्टी 3 फेज़ में डोर टो डोर कैंपेन को अंजाम देगी. पहले फेज में आम आदमी पार्टी गाँव की जनता से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेगी. दूसरे फेज में गांव के लोगों को पंजाब और दिल्ली के मॉडल और अरविंद केजरीवाल के कामकाज के बारे में बताया जाएगा. तीसरे फेज में आम आदमी पार्टी गांव वालों के बीच गारंटियों का ऐलान करेगी.
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जारी है उम्मीदवार चुनने के लिए सर्वे
आम आदमी पार्टी नेता संदीप पाठक ने कहा कि विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का चयन सबसे अहम होता है. चुनावी राज्यों में उम्मीदवार का चयन कई पैरामीटर के आधार पर होगा. जनता में उम्मीदवार की इमेज कैसी है और क्या वह जीतने की ताकत रखता है या नहीं. उम्मीदवार को चुनने के लिए आम आदमी पार्टी सर्वे का सहारा लेगी. सर्वे में जनता जिस उम्मीदवार को सही बताएगी उसे टिकट दिया जाएगा. उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया में सबसे पहले होमवर्क किया जाता है. इसके तहत विधानसभा के 4 या 5 उम्मीदवार चेहरों की लिस्ट तैयार की जाती है. सभी राज्यों में इस तरह की लिस्ट तैयार की जा चुकी है और फिलहाल उम्मीदवारों के चयन के लिए सर्वे का काम भी जारी है. जैसे ही सर्वे खत्म होगा उम्मीदवारों का चयन होगा और उसके बाद अधिकारी घोषणा भी कर दी जाएगी.
इन तीनों राज्यों में भी गारंटियों का ऐलान करेंगे अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी नेता ने बताया कि चुनावी राज्यों में 2 लेवल पर गारंटियों का ऐलान किया जाएगा. पहले लेवल में केजरीवाल मॉडल के तहत गारंटियों का ऐलान किया जाएगा, जिसमें स्कूल हॉस्पिटल, भ्रष्टाचार, बिजली और पानी की गारंटी दी जाएगी. इसके अलावा हर राज्य में लोकल समस्याओं के आधार पर भी गारंटियों का ऐलान किया जाएगा. अंतिम फेज़ में जब चुनाव नजदीक होगा तो आम आदमी पार्टी के दिल्ली और पंजाब के नेता, विधायक और मंत्री इन चुनावी राज्यों में प्रचार करने के लिए जाएंगे.
इस सवाल पर कि चुनावी राज्यों में पहले से मजबूत कांग्रेस और भाजपा से आम आदमी पार्टी कैसे लड़ेगी? AAP नेता संदीप पाठक ने कहा कि ‘ संगठन की लड़ाई यंग और ओल्ड की भी है. आम आदमी पार्टी का संगठन नया और युवा है. संगठन से जुड़ने वाले ज्यादातर लोग पहले राजनीति से जुड़े हुए नहीं थे. आम आदमी पार्टी ने समाज पर रहने वाले फ्रेश चेहरों को चुना है. जबकि भाजपा और कांग्रेस के नेता पुराने हैं और वह बासी हो चुके हैं. भाजपा और कांग्रेस के संगठन थक चुके हैं और बूढ़े हो चुके हैं.
विपक्षी दलों की एकता पर चर्चा के बीच क्या आगामी चुनाव वाले राज्यों में आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस को टक्कर देने के लिए तैयार है? आम आदमी पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि इन राज्यों में चुनाव के दौरान वहां मौजूद है राजनीतिक दल से आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी. आम आदमी पार्टी को यह फर्क नहीं पड़ता कि सामने कांग्रेस है या फिर बीजेपी. आम आदमी पार्टी की राजनीति का आधार स्कूल और हॉस्पिटल का मॉडल है. आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और आगामी राज्यों का चुनाव पार्टी पूरी ताकत से लड़ेगी. जहाँ तक कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने या नहीं लड़ने का सवाल है, यह आने वाले समय में तय किया जाएगा.
वहीं, आगामी चुनावी राज्यों में कांग्रेस का दबदबा रहा है. ऐसे में अध्यादेश के खिलाफ़ कांग्रेस द्वारा स्टैंड स्पष्ट न् करने के आरोप के बीच आम आदमी पार्टी जमकर कांग्रेस पर प्रहार कर रही है. पिछले दिनों मध्यप्रदेश के ग्वालियर और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पंजाब मुख्यमंत्री और AAP नेता भगवंत मान ने कांग्रेस को बिकाऊ बताया था.
पिछले दिनो छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में जनसभा के दौरान मंच से भाषण देते हुए भगवंत मान ने कहा था कि 5 साल पहले मध्य प्रदेश में लोगों ने कांग्रेस की सरकार बना दी. भाजपा का सीधा आईडिया है कि अगर चुनाव से नहीं जीते तो बाय-इलेक्शन से जीतेंगे. भाजपा वालों ने कांग्रेस से बात की और पूछा कि एक एमएलए का क्या रेट रखा है. कांग्रेस के मुख्यालय पर यह लिखा रहता है कि यहां पर जनता द्वारा चुने विधायक सस्ते रेट पर मिलते हैं. भाजपा ने 30 विधायक खरीद लिए. क्या कांग्रेस के विधायक ने बीजेपी में जाने से पहले आप लोगों से पूछा? तो ऐसी पार्टी को वोट देने का क्या फायदा हुआ जो आप लोगों का वोट बेच देती है. लोगों ने वोट डाला कांग्रेस को लेकिन सरकार भाजपा की बन गई. इसलिए अरविंद केजरीवाल कहते हैं सब मिले हुए हैं. यह सब दाल चावल(कांग्रेस और भाजपा) हैं.
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