CG BJP leader Killing Case: सत्ता जाने के डर से हुई बीजेपी नेता की हत्या? सुलझ गई सुपारी किलिंग की गुत्थी

Chhattisgarh BJP leader Killing Case- छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर (Pakhanjur News) में 7 जनवरी की रात हुई दिग्गज भाजपा नेता असीम राय (Aseem…

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Chhattisgarh BJP leader Killing Case- छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर (Pakhanjur News) में 7 जनवरी की रात हुई दिग्गज भाजपा नेता असीम राय (Aseem Rai) की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है. असीम राय की हत्या के आरोप में नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली, पार्षद विकास पाल और जितेंद्र बैरागी समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं असीम राय को गोली मारने वाला मुख्य शूटर विकास तालुकदार अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है,जिसकी तलाश में अलग-अलग टीम रवाना की गई है.

पुलिस के अनुसार, नगर पंचायत अध्यक्ष ने 7 लाख में असीम राय की हत्या की सुपारी दी थी. हत्याकांड में असीम राय पर साल 2014 में गोली चलाने वाला आरोपी रीपन सदियाल भी शामिल है. बता दें कि असीम राय हत्याकांड की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था.

‘डर’ की वजह से हुई बीजेपी नेता की हत्या?

असीम राय नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके थे और वर्तमान में पखांजूर में कांग्रेस का नगर पंचायत में कब्जा है. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा पार्षदों ने मिलकर नगर पंचायत में अविश्वास का प्रस्ताव लाया था, जिसके बाद से नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली को अध्यक्ष की कुर्सी जाने का डर था. वहीं नगर पंचायत का पार्षद विकास पाल जिसकी असीम राय से निजी दुश्मनी थी उसे डर था कि असीम राय पवार में आते ही उसके लॉज और दुकान को अवैध कब्जा बताकर तोड़वा सकते है.

पुलिस के अनुसार, इसी डर की वजह से दोनों ने मिलकर असीम राय के हत्या की साजिश रची और असीम राय के एक और दुश्मन जितेंद्र बैरागी को साजिश में शामिल किया. जितेन्द्र बैरागी ने अपने साथी तपन मंडल, सुमीत मांझी के साथ मिलकर रेकी का काम शुरू किया और बप्पा गांगुली और विकास पाल ने पैसे की जिम्मेदारी ली थी. साजिश रचने के बाद  शूटर के लिये सुरजीत और रीपन से आरोपियों ने सम्पर्क किया. दोनों इस काम के लिए तैयार हो गए और अपने साथी जयंत, नीलरतन और विकास तालुकदार को यह काम सौंपा था.

7 लाख की सुपारी, 7 जनवरी को मर्डर

बप्पा गांगुली और विकास पाल ने सोमेन्द्र मंडल के जरिए करीब 07 लाख रुपए नीलरतन को भेजा, जिसने उन पैसों से लगभग एक लाख रुपये की पिस्टल खरीदी और बाकी रकम आरोपियों में बांटा गया. इसके बाद विकास तालुकदार ने अपने साथी गोपी दास के साथ मिलकर 7 जनवरी को जब असीम राय परिवहन संघ के दफ्तर से निकलकर जा रहे थे तब बस स्टैंड के पास उन्हे पीछे से गोली मार दी.  हत्याकांड के दौरान गोपी दास बाइक चला रहा था और विकास तालुकदार ने असीम राय को  7.65 एमएम की पिस्टल से गोली मारी थी.

11 आरोपी गिरफ्तार, गोली चलाने वाला फरार

कांकेर के एसपी दिव्यांग पटेल ने बताया कि पूरे हत्याकांड में अब  तक 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. वहीं आगे विवेचना और गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी है.  बता दें कि बप्पा गांगुली, विकास पाल, सोमेन्द्र कुमार मंडल, नीलरतन मंडल, जयंत विश्वास, रीपन सदियाल, सुरजीत बाला, सुमीत मांझी, तपन मंडल और जितेन्द्र बैरागी को गिरफ्तार किया जा चुका है. जबकि गोली चलाने वाला विकास तालुकदार अभी भी फरार है.

प्रदेश में नहीं चलेगी अब गुंडागर्दी: डिप्टी सीएम

प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा भी शुक्रवार को पखांजूर पहुंचे. उन्होंने असीम राय के परिवार से मुलाकात की और इस दौरान हर संभव मदद का आश्वासन दिया. विजय शर्मा ने कहा कि प्रदेश में गुंडागर्दी अब नही चलेगी. उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी. कानून सबका न्याय करता है. इस दौरान कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप और विधायक विक्रम उसेंडी भी मौजूद थे.

(कांकेर से गौरव श्रीवास्तव की रिपोर्ट)

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