परिवर्तन यात्रा से पहले सुरक्षा पर सियासत: भाजपा ने कहा- ‘हमें भरोसा नहीं’; सीएम बघेल ने दिया ये जवाब

Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ में भाजपा की परिवर्तन यात्रा (Parivartan Yatra) से पहले नक्सल प्रभावित इलाकों में राजनीतिक दलों की सुरक्षा को लेकर विवाद गहराता…

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Chhattisgarh Elections 2023- छत्तीसगढ़ में भाजपा की परिवर्तन यात्रा (Parivartan Yatra) से पहले नक्सल प्रभावित इलाकों में राजनीतिक दलों की सुरक्षा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. हालांकि विपक्षी भाजपा (BJP) की अपनी परिवर्तन यात्रा के लिए सुरक्षा की मांग करने के एक दिन बाद, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने शनिवार को कहा कि चुनाव से पहले राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को पूरी सुरक्षा मिलेगी. लेकिन भाजपा का कहना है कि उनको भूपेश सरकार पर भरोसा नहीं है. राज्य में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.

भाजपा ने शुक्रवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र सौंपकर 12 सितंबर को नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से शुरू होने वाली अपनी यात्रा के लिए सुरक्षा की मांग की. इसमें कहा गया कि उसे राज्य की कांग्रेस सरकार पर भरोसा नहीं है और दावा किया गया कि बस्तर क्षेत्र में भाजपा नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है.

बघेल ने क्या कहा?

रायपुर में एक कार्यक्रम से इतर इस बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, “सभी राजनीतिक दलों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी. हमने 2013 में झीरम घाटी में अपने नेताओं को खोया है.”

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “सुरक्षा बलों की एकीकृत कमान की हालिया बैठक के दौरान, हमने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.”

जब कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हुआ था नक्सल अटैक…

विधानसभा चुनाव से पहले 25 मई साल 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में पार्टी की ‘परिवर्तन रैली’ के दौरान माओवादियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला किया था, जिसमें तत्कालीन राज्य कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी सी शुक्ला सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी.

जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर कह दी ये बात…

जी-20 शिखर सम्मेलन के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, “जब (पूर्व प्रधान मंत्री) इंदिरा गांधी ने एक सम्मेलन की मेजबानी की थी, तो 100 से अधिक देशों के प्रमुखों ने इसमें भाग लिया था. कुछ राष्ट्राध्यक्ष इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहे हैं. यहां तक कि विपक्ष को भी नहीं बुलाया गया है….अभी तक बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला है, आने वाले दिनों में देखेंगे कि इसका क्या नतीजा निकलता है.”

इससे पहले जब शुक्रवार को पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह शनिवार को होने वाले जी-20 रात्रिभोज में शामिल होंगे, तो बघेल ने कहा था कि वह नहीं जा सकते क्योंकि दिल्ली में नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों द्वारा अपने सरकारी विमान से दिल्ली या इसके आसपास के इलाकों की यात्रा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

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