JCCJ’s Candidates list for Chhattisgarh Elections- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने बुधवार को राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 11 उम्मीदवारों की अपनी दूसरी सूची जारी की. पार्टी ने रेणु जोगी को कोटा से चुनावी मैदान में उतारा है जबकि जेसीसी (जे) अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी अकलतरा से चुनाव लड़ेंगी. इस पार्टी की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने की थी.
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लिस्ट के अनुसार पार्टी ने मस्तूरी से चांदनी भारद्वाज और जैजैपुर से टेकचंद चंद्रा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं प्रेम नगर से जगलाल सिंह देहाती, पाली तानाखार से छत्रपाल सिंह कंवर, बिलासपुर से अखिलेश पांडे, रायपुर ग्रामीण से मनोज बंजारे, गुंडरदेही से राजेंद्र कुमार राय, भिलाई नगर से जहीर खान को टिकट दिया गया है.
बता दें कि इससे पहले पार्टी ने शुक्रवार को राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 16 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी. 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए 7 और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होना है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी.
बसपा के साथ मिलकर लड़ा था पिछला चुनाव
जेसीसी (जे) ने पिछला चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में लड़ा था और सात सीटें जीतकर तीसरे मोर्चे के रूप में उभरी थी, लेकिन इस बार वह कांग्रेस और भाजपा के प्रभुत्व वाली द्विआधारी राजनीति में राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए संघर्ष कर रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ Tak के साथ एक बातचीत में, अमित जोगी ने कहा था कि उनकी पार्टी गठबंधन के लिए सर्व अन्य छोटे दलों से संपर्क कर रही है. हालांकि, पार्टी ने अब तक किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है. वहीं इस बार मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने गोंगपा के साथ गठबंधन किया है.
कैसा है पार्टी का हाल?
साल 2020 में अजीत जोगी की मृत्यु के बाद जेसीसी (जे) एक तरह से संकट का सामना कर रही है. साल 2000 से 2003 तक राज्य में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व करने वाले अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होने के बाद 2016 में जेसीसी (जे) बनाई और 2018 का विधानसभा चुनाव बसपा के साथ गठबंधन में लड़ा. 2018 में कांग्रेस 90 में से 68 सीटें जीतकर सत्ता में लौटी, जबकि भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई. जबकि जेसीसी (जे) को पांच सीटें और उसकी सहयोगी बसपा को 2 सीटें मिलीं. जेसीसी (जे) का वोट शेयर 7.6 प्रतिशत रहा, जिसे छत्तीसगढ़ में किसी क्षेत्रीय पार्टी का पहला महत्वपूर्ण प्रदर्शन माना गया. हालांकि, मई 2020 में अजीत जोगी की मृत्यु के बाद, अमित जोगी पार्टी को एक साथ रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
विधायक अजीत जोगी और देवव्रत सिंह की मृत्यु के बाद हुए उपचुनावों में जेसीसी (जे) दो विधानसभा क्षेत्रों – मरवाही और खैरागढ़ – हार गई. जेसीसी (जे) के दो अन्य विधायकों – धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया, जिससे कोटा का प्रतिनिधित्व करने वाली दिवंगत अजीत जोगी की पत्नी और एकमात्र विधायक रेणु जोगी की सीट ही संगठन के पास रह गई. अब इस चुनाव में पार्टी रेणु जोगी और ऋचा जोगी को चुनावी मैदान में उतार कर कैसे अपनी पैठ बनाती है यह देखना दिलचस्प होगा.
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