अमित शाह के ‘लिंचिंग वाले बयान’ को कांग्रेस ने बताया भड़काऊ, कहा- चुनाव आयोग ले संज्ञान

Congress angry over Amit Shah’s statement- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सोमवार को दिए गए लिंचिंग वाले बयान को लेकर…

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Congress angry over Amit Shah’s statement- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में सोमवार को दिए गए लिंचिंग वाले बयान को लेकर कांग्रेस ने सख्त ऐतराज जताया है. पार्टी ने चुनाव आयोग से स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है. केंद्रीय मंत्री ने एक रैली में कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के बेटे भुनेश्वर साहू की लिंचिंग करवाकर हत्या करवा दी. उन्होंने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को भाजपा उनके अंजाम तक पहुंचाएगी और इसके प्रतीक के रूप में उनके पिता ईश्वर साहू को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा ने साहू को साजा विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया है.

गृहमंत्री शाह के बयान पर कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराने की बात कही है. साथ ही पार्टी के संचार विभाग के प्रदेश प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया, “अमित शाह ने राजनांदगांव की धरती से सांप्रदायिक तनाव को फैलाने का कुत्सित प्रयास किया. अमित शाह का आज का भाषण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. चुनाव आयोग को इस पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए. कांग्रेस भी इसपर शिकायत दर्ज कराएगी.”

 

‘शाह ने दिया अत्यंत भड़काऊ बयान’

कांग्रेस के संचार प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी बयान जारी कर अमित शाह के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा, “देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में अत्यंत भड़काऊ बयान दिया है.”

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा कि उन्होंने हत्या के एक मामले को लेकर अपनी चुनाव सभा में सीधे कहा, ” भूपेश बघेल सरकार ने तुष्टिकरण के लिए, वोट बैंक की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के बेटे भुवनेश्वर साहू को लिंचिंग करवाकर मार दिया. भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि हम भुवनेश्वर साहू के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुंचाएंगे और इसके प्रतीक के रूप में उनके पिता ईश्वर साहू को चुनाव मैदान में उतारा है.”

 

‘बयान का उद्देश्य सांप्रदायिक हिंसा भड़काना’

उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह का यह बयान ना केवल आपत्तिजनक है बल्कि इसका एकमात्र उद्देश्य शांत प्रदेश छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक हिंसा भड़काना है. गृह मंत्री ने चुनावी फ़ायदे की नीयत से उन्माद भड़काने के लिए यह बयान दिया है. उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल झूठ है. हक़ीक़त यह है कि हिंसा और प्रति हिंसा के इस मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई की थी और आरोपियों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा था. लेकिन छत्तीसगढ़ में साफ़ दिख रही अपनी हार से बौखलाए अमित शाह अब सांप्रदायिकता का सहारा लेना चाहते हैं.

 

‘चुनाव आयोग करे उचित कार्रवाई’

जयराम रमेश ने कहा कि इस मामले में अब आचार संहिता के बीच पहली ज़िम्मेदारी सीधे चुनाव आयोग की है. वह इस भड़काऊ बयान का संज्ञान ले और अमित शाह के विरुद्ध मामला दर्ज़ कर उचित कार्रवाई करे. ऐसा न हुआ तो आशंका है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा आगे भी अपने चुनाव अभियान में सांप्रदायिकता फ़ैलाने से बाज नहीं आयेगी.

 

अमित शाह ने क्या कहा था?

राजनांदगांव की रैली में अमित शाह ने अप्रैल में बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर भूपेश बघेल सरकार पर हमला बोला और लोगों से पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ फिर से सांप्रदायिक दंगों का केंद्र बने. मंच पर मौजूद ईश्वर साहू की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा कि वोट बैंक और तुष्टिकरण के लिए भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा, “हम भुनेश्वर साहू के हत्यारे को सजा दिलाएंगे. हमने उनके पिता को टिकट दिया है.”

शाह ने कहा, “छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने वोट बैंक की राजनीति के लिए छत्तीसगढ़ के बेटे भुनेश्वर साहू की लिंचिंग करवाकर हत्या करवा दी. भाजपा ने उनके पिता श्री ईश्वर साहू को टिकट देकर उनका मान बढाया.”

उन्होंने कहा, “क्या आप चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ एक बार फिर सांप्रदायिक दंगों का केंद्र बने? भुनेश्वर साहू को न्याय मिलना चाहिए या नहीं? अगर कांग्रेस फिर से सत्ता में आती है, तो वह तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति जारी रखेगी.”

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