Chhattisgarh Elections- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ने का फैसला किया. जहां बसपा 53 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, वहीं गोंगपा 90 सदस्यीय सदन में 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
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बसपा के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय समन्वयक रामजी गौतम और गोंगपा के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम और दोनों दलों के अन्य नेताओं ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान गठबंधन की घोषणा की.
बसपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने छत्तीसगढ़ Tak को बताया कि दोनों पार्टियों के बीच चुनावी समझौता हो गया है, जिसके तहत सीटों का बंटवारा भी फाइनल हो गया है. समझौते के मुताबिक, प्रदेश की 90 विधान सभा सीटों में से 53 सीट पर बसपा और 37 सीट पर गोंगपा चुनाव लड़ेगी.
बसपा जारी कर चुकी है लिस्ट; पिछले चुनाव में क्या थी स्थिति?
बता दें कि बसपा ने पिछले महीने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए नौ उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी. बसपा ने साल 2018 का विधानसभा चुनाव जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था और कुल वोटों का 3.87 प्रतिशत हासिल किया था.
2018 में, बसपा ने 35 सीटों पर चुनाव लड़ा था और मध्य छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में स्थित जैजैपुर और पामगढ़ निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की थी. 28 सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. वहीं उसकी सहयोगी जेसीसी (जे) को पांच सीटें मिलीं. गोंगपा ने 2018 में 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 36 उम्मीदवार अपनी जमानत बचाने में असफल रहे थे. पिछले चुनाव में गोंगपा को 1.73 फीसदी वोट मिले थे.
कैसा है दोनों पार्टियों का प्रभाव?
बसपा का मध्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की आबादी के बीच काफी प्रभाव है, वहीं गोंगपा को बिलासपुर और सरगुजा डिवीजनों के कुछ आदिवासी बहुल हिस्सों में पहले काफी समर्थन प्राप्त था. वहीं बस्तर जिले में भी इसका अच्छा प्रभाव माना जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ बनने के बाद से गोंगपा यहां एक भी सीट नहीं जीत पाई है. पहली बार 1998 में गोंगपा के अध्यक्ष हीरा सिंह मरकाम ने तनाखार सीट में जीत हासिल की थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में हीरा सिंह मरकाम पाली-तानाखार सीट पर दूसरे स्थान पर थे. 9656 वोट से कांग्रेस के मोहित राम ने उन्हें हराया था. चुनाव पर्यवेक्षकों के मुताबिक, बसपा और गोंगपा सत्तारूढ़ कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती हैं.
(रायपुर से अजय सोनी की रिपोर्ट)
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