BJP’s Central Election Committee Meeting- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Assembly Elections 2023) में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा (BJP) की मुस्तैदी साफ देखी जा सकती है. चुनाव कार्यक्रमों का अभी ऐलान भी नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी चुनाव समिति की बैठक कर उम्मीदवारों के चयन में जुट गई है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी जल्द ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है. इसमें छत्तीसगढ़ की वे 27 ‘कमजोर’ सीटें शामिल हो सकती हैं जिन पर बुधवार को बैठक के दौरान चर्चा हुई. भाजपा के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा होने से कई महीने पहले और चुनाव के लिए सीईसी की बैठक आयोजित करना बेहद असामान्य है. आमतौर पर सीईसी की बैठक चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद होती है ताकि उम्मीदवारों के नामों की सूची को अंतिम रूप दिया जा सके और जारी किया जा सके.
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भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में एक बैठक में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की, जिसमें उन सीटों पर विशेष ध्यान दिया गया जहां पार्टी कमजोर है.
सूत्रों ने कहा कि सीईसी सदस्यों ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की. वहीं राज्य नेतृत्व ने उन्हें फीडबैक दिया.
किन 27 सीटों पर हुई चर्चा
सूत्रों के अनुसार उन सीटों पर चर्चा हुई जहां पिछले चुनावों में पार्टी को उलटफेर का सामना करना पड़ा था. पार्टी उन सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है जहां उसे मजबूत विरोध का सामना करना पड़ता है, लेकिन उसका मानना है कि वह मजबूत उम्मीदवारों के चयन सहित एक चतुर रणनीति के साथ चीजों को बदल सकती है. भाजपा की चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ की B, C और D कैटेगरी की कुल 27 विधानसभा सीटों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. सभी के लिए प्रत्याशियों के पैनल पर भी चर्चा की गई है. गौरतलब है कि बीजेपी ने चार कैटगरी बनाई हैं. ‘ए’ कैटगरी का मतलब है- जहां जीत मिली. ‘बी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया है जिन पर पार्टी प्रत्याशी कभी हारे और कभी जीते हैं, ‘सी’ कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया जिन्हें पार्टी दो बार से अधिक हारी है, वहीं ‘डी’ कैटेगरी में उन सीटों को शामिल किया गया है जिन पर भाजपा कभी नहीं जीती है.
छत्तीसगढ़ भाजपा के लिए अहम
छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 सालों से सत्ता में रही है. जबकि 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. सीईसी की बैठक आम तौर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होती है. लेकिन इतनी जल्दी बैठक आयोजित करने का पार्टी का निर्णय – यह पांच राज्यों के चुनावों के महत्व को रेखांकित करता है, जो सभी महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर है. वहीं भाजपा केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार और तेलंगाना में बीआरएस सरकार को हटाने के लिए व्यापक अभियान चला रही है. 2018 के चुनावों में, भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दोनों में सत्ता खो दी, लेकिन बाद में एमपी में कांग्रेस सरकार को गिराने में सफल रही. जबकि छत्तीसगढ़ विधानसभा की 90 सीटों में से कांग्रेस की 68 सीटों के मुकाबले सिर्फ 15 सीटें जीती थीं, जबकि 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की 114 सीटों के मुकाबले इसकी सीटों की संख्या 109 थी. भाजपा दोनों राज्यों में अपना समर्थन मजबूत करने के लिए संगठनात्मक कार्यक्रम चला रही है, खासकर उन समुदायों के बीच जहां उसका वोट शेयर कम हो गया था. हालांकि, पार्टी ने 2019 में दोनों राज्यों में लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी.
कौन-कौन थे बैठक में शामिल?
बैठक में पीएम मोदी के अलावा, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह सहित सीईसी सदस्य उपस्थित थे.मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह उन राज्य नेताओं में शामिल थे जिन्होंने विचार-विमर्श में भाग लिया.जानकारों के अनुसार कि सीईसी की इतनी जल्दी बैठक राज्य चुनाव अभियानों की निगरानी में केंद्रीय नेतृत्व की अधिक भागीदारी का भी संकेत देती है.
पांच राज्यों में कब होंगे चुनाव?
पांच राज्यों – छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने की उम्मीद है. इसी तरह की सीईसी बैठकें अन्य राज्यों के लिए भी आयोजित की जा सकती हैं.
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