Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma in Chhattisgarh- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में “सनातन संस्कृति” के खिलाफ साजिश रची जा रही है. सरमा विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘परिवर्तन यात्रा’ अभियान के दौरान भटगांव विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने रोहिंग्या, सनातन, हिंदू, मदरसा जैसे मुद्दों को लेकर बघेल सरकार पर निशाना साधा.
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भाजपा नेता ने दावा किया, “छत्तीसगढ़ में सनातन संस्कृति के खिलाफ साजिश रची जा रही है. जब से भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री चुना गया है, राज्य में रोहिंग्या (म्यांमार से आए शरणार्थी) की आमद एक बड़ा मुद्दा बन गई है.”
असम के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को भटगांव (सूरजपुर जिला) और नवागढ़ (बेमेतरा जिला) विधानसभा क्षेत्रों में परिवर्तन यात्रा कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष के इंडिया गठबंधन पर देश में “हिंदू विरोधी” माहौल बनाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया.
‘छत्तीसगढ़ में रोहिंग्याओं ने प्रवेश करना कर दिया शुरू’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस (जब वह सत्ता में थी) ने बांग्लादेशियों को अवैध रूप से असम में प्रवेश करने की अनुमति दी, उन्होंने दावा किया कि “लाखों बांग्लादेशी असम में रह रहे हैं।” सरमा ने कहा, “छत्तीसगढ़ में, रोहिंग्याओं ने प्रवेश करना शुरू कर दिया है.”
‘बघेल कहें कि हम हिंदू हैं’
सरमा ने कहा, “भूपेश बघेल कहते हैं कि वह गौ-माता (गाय) की पूजा करते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि आप कहें कि आप हिंदू हैं और हिंदू धर्म के प्रति समर्पित हैं.” उन्होंने कहा कि भूपेश अगर हिंदू है तो राहुल को रामलला के मंदिर लेकर जाएं. उन्होंने कहा कि अगर आप चुनावी हिंदू नहीं है तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर एक बार रामलला मंदिर लेकर जाएं.
भ्रष्टाचार को लेकर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने पूछा कि बघेल ने असम और हिमाचल प्रदेश चुनावों (कांग्रेस के लिए) में जो पैसा निवेश किया था, उसका इस्तेमाल छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए क्यों नहीं किया.
मदरसों को लेकर कही ये बात
बच्चों के लिए मदरसों (इस्लामिक मदरसों) में शिक्षा का विरोध करते हुए सरमा ने कहा कि उन्होंने असम में मदरसों को बंद कर दिया है. उन्होंने कहा, “अब हमारी मुस्लिम बेटियां हमारे स्कूलों में जाती हैं. इस बार असम में बड़ी संख्या में मुस्लिम बेटियों ने मेडिकल परीक्षा पास की है. हम हिंदू-मुसलमान नहीं देखते, हम अपनी बेटियों का विकास और शिक्षा देखते हैं.”
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