CG Lok Sabha Election: 7 सीटों पर महामुकाबला, जानें कहां किसका पलड़ा भारी?

ChhattisgarhTak

03 May 2024 (अपडेटेड: May 3 2024 3:12 PM)

CG Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की सात सीटों पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे. जानें सातों सीटों पर किसका पलड़ा भारी है.

chhattisgarh third phase voting

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CG Lok Sabha Election: छत्तीसगढ़ की बची हुई 7 सीटों पर 7 मई को मतदान होना है. इनमें रायपुर,कोरबा, बिलासपुर, सरगुजा, रायगढ़, दुर्ग और जांजगीर-चांपा की लोकसभा सीट शामिल है. इन सभी सीटों पर सुबह 6 बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी. अंतिम चरण का चुनाव नजदीक है,ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां धुंआधार प्रचार में लगी हुई है.

आइए समझते हैं कि इन सात सीटों पर कितना कड़ा मुकाबला है-

दुर्ग लोकसभा सीट- बीजेपी की तरफ से विजय बघेल चुनावी मैदान पर हैं. जबकि कांग्रेस की तरफ से राजेंद्र साहू ताल ठोक रहे हैं.साहू को पूर्व सीएम भूपेश बघेल का करीबी माना जाता है. इस लोकसभा क्षेत्र के अंदर 9 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें पाटन, दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, भिलाई नगर, वैशाली नगर, अहिवारा,साजा,बेमेतरा और नवागढ़ सीट शामिल है. पिछले चुनाव में विजय बघेल के जीत का अंतर करीब 22 फीसदी था. एक्सपर्सट्स का मानना है कि इस सीट पर लेकिन मुकाबला एकतरफा नहीं माना जा सकता. इस सीट पर भूपेश बघेल का काफी प्रभाव है. यह उनका गृह जिला भी है. यहां करीब 19 लाख वोटर्स हैं.दोनों ही प्रत्याशी ओबीसी वर्ग से हैं, ऐसे में ओबीसी वोटबैंक को साधने में दोनों ही पार्टी कोई कमी नहीं छोड़ रहे.

रायपुर लोकसभा सीट- रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी है, ऐसे में यह सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. बीजेपी ने यहां से कद्दावर नेता और वर्तमान में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मैदान पर उतारा है.तो वहीं कांग्रेस ने विकास उपाध्याय पर भरोसा जताया है.करीब तीन दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.1996 से लेकर 2019 तक इस सीट पर बीजेपी जीतती चली आई है. रायपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल आठ सीटें आती हैं. इन सीटों में बलौदा बाजार, भाटापारा, धरसींवा, रायपुर शहर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर दक्षिण, आरंग और अभनपुर शामिल हैं.रायपुर लोकसभा सीट पर करीब 20,46,014 वोटर्स हैं. बृजमोहन अग्रवाल आज तक कोई चुनाव नहीं हारे.वहीं कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय भी भरपूर कोशिश कर रहे चुनाव जीतने के लिए. हालांकि बृजमोहन का पलड़ा फिलहाल भारी नजर आता है.

बिलासपुर लोकसभा सीट- बिलासपुर को छत्तीसगढ़ की न्यायधानी कहा जाता है. ये लोकसभा सीट काफी VIP है.. यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. बीजेपी ने यहां से तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है. जबकि कांग्रेस की तरफ से देवेंद्र यादव प्रत्याशी हैं.1996 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अरुण साव ने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव को हराया था. बिलासपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं-कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा और मस्तूरी. इनमें से बस कोटा और मसतूरी कांग्रेस के पास है.बिलासपुर लोकसभा सीट पर करीब 18,11,606 वोटर्स हैं. तोखन साहू मोदी की गारंटी के सहारे चुनावी मैदान पर हैं. वहीं देवेंद्र यादव ने भी चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. यादव समाज का सपोर्ट भी देवेंद्र यादव को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है.

कोरबा लोकसभा सीट- छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट परिसीमन के बाद पहली बार 2008 में अस्तित्व में आई थी. इससे पहले यह जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत आती थी. छत्तीसगढ़ की ये पहली सीट है, जहां दो महिला प्रत्याशियों के बीच टक्कर है. कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत को फिर से मौका दिया है. वहीं बीजेपी ने सरोज पांडेय को प्रत्याशी बनाया है. दोनों ही दिग्गज नेता के चुनावी मैदान पर उतरने से यहां का मुकाबला हाईप्रोफाइल हो गया है. हालांकि कांग्रेस सरोज पांडेय को बाहरी बताकर मुद्दा बनाने की कोशिश में दिखी. वहीं बीजेपी ने ज्योत्सना महंत को निष्क्रिय सांसद बताकर कांग्रेस प्रत्याशी को भरपूर घेरने की कोशिश की है. कोरबा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं, ये 8 सीटें हैं- भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पाली-तानाखार और मरवाही.कोरबा सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें से दो बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी ने जीत हासिल की है.

सरगुजा लोकसभा सीट- छत्तीसगढ़ की सरगुजा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित सीट है.बीजेपी ने यहां से चिंतामणि महाराज को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरे के तौर पर शशि सिंह को मैदान पर उतारा है.सरगुजा सीट पर पिछले 20 साल से बीजेपी का कब्जा है. 2004 से बीजेपी लगातार यहां से जीत रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की रेणुका सिंह ने कांग्रेस के खेल साय सिंह को हराया था.बता दें कि सरगुजा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. इन सीटों में प्रेमनगर,भटगांव, प्रतापपुर,रामानुजगंज,सामरी,लुंड्रा,अंबिकापुर और सीतापुर शामिल हैं. इन सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है. ऐसे में बीजेपी के गढ़ को ध्वस्त करना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है. 

रायगढ़ लोकसभा सीट- ये सीट भी अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है.  2024 में बीजेपी ने यहां से राधेश्याम राठिया को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस की तरफ से डॉ मेनका देवी सिंह उम्मीदवार हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लगातार 20 साल से इस सीट से सांसद रहे हैं. 1999 से 2014 तक विष्णुदेव साय लगातार सांसद रहे. फिर 2019 में भारतीय जनता पार्टी की गोमती साय यहां से सांसद बनीं थीं. रायगढ़ लोकसभा के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इन सीटों में जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया और धरमजयगढ़ हैं. बीजेपी के इस गढ़ को तोड़ने के लिए कांग्रेस भरपूर मेहनत कर रही है. कांग्रेस ने रायगढ़ लोकसभा सीट के लिए अलग से 7 गारंटी वाला घोषणापत्र भी जारी कियाहै. वहीं बीजेपी की तरफ से खुद सीएम साय इस सीट पर अपना फोकस बनाए हुए हैं.

जांजगीर-चांपा सीट- ये लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. 1952 में यह सीट पहली बार अस्तित्व में आई थी. जांजगीर चांपा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है. 2004 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कमलेश जांगडे को मैदान में उतारा. वहीं कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया को टिकट दिया है.2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के गुहाराम अजगल्ले ने यहां से बाजी मारी थी.जांजगीर चांपा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की आठ सीटें आती हैं. ये 8 सीटें हैं- अकलतरा, जांजगीर-चांपा, सक्ती, चंद्रपुर, जैजैपुर, पामगढ़, बिलाईगढ़ और कसडोल.इस सीट को जीतने के लिए दोनों ही पार्टियों के दिग्गजों की तरफ से बड़ी जनसभा भी हो चुकी है.

 

निधि भारद्वाज की रिपोर्ट

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