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Lok Sabha Elections 2024- लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी-कांग्रेस दोनो ही राष्ट्रीय दलों ने कमर कस ली है. सरगुजा लोकसभा सीट से दोनों पार्टियां किन दिग्गजों को प्रत्याशी बनाएंगी यह तो जल्द पता चल जाएगा, लेकिन क्षेत्र के कई नेता दावेदारी में में जुट गए हैं.
सियासी जानकार मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर के साथ-साथ सरगुजा से होकर गुजरती है. जिसने यहां के आदिवासियों को साध लिया, उसके लिए सत्ता का रास्ता और आसान हो जाता है.
सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में है 8 विधानसभा सीट
सरगुजा लोकसभा सीट के अंदर कुल 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें सरगुजा जिले की अंबिकापुर, सीतापुर, लुंड्रा. बलरामपुर जिले की सामरी और रामानुजगंज-बलरामपुर. सूरजपुर जिले की प्रतापपुर, प्रेमनगर और भटगांव विधानसभा शामिल हैं. यह सीट अनूसुचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है.
सरगुजा है बीजेपी का गढ़?
सरगुजा को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है. पिछले 4 बार से यहां बीजेपी चुनाव जीतते आ रही है और खास बात यह है कि बीजेपी ने हर लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी बदले और सभी ने पार्टी का परचम लहराया.
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2004 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से नंदकुमार साय ने चुनाव जीता था, इसके बाद 2009 में मुरारी लाल चुनाव जीतकर सांसद बने. फिर 2014 में बीजेपी के कमलभान सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार राम देव राम को हराया था. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में रेणुका सिंह चुनाव जीतीं और मोदी कैबिनेट में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया.
बीजेपी में इनकी दावेदारी मजबूत
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में रेणुका सिंह ने भरतपुर-सोनहत से चुनाव जीता था और फिर सांसदी से इस्तीफा दे दिया था. रेणुका सिंह सीएम रेस में भी सबसे आगे चल रही थीं, लेकिन न तो वो सीएम बनीं और न ही उन्हें साय कैबिनेट में जगह मिली. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सरगुजा से एक बार फिर से रेणुका सिंह टिकट की दावेदार हो सकती हैं.
वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी में शामिल हुए चिंतामणि महाराज भी दावेदारों की लिस्ट में शामिल हैं. सामरी से विधायक रहे चिंतामणि महाराज ने अंबिकापुर से टिकट मांगा था. लेकिन बीजेपी ने उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने का आश्वासन दिया था. इन दोनों के अलावा पूर्व सांसद कमलभान सिंह को भी बीजेपी मौका दे सकती है.
कांग्रेस में दावेदारों की भरमार
बात की जाए कांग्रेस की तो विधानसभा में मिली करारी हार के बाद पार्टी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. सिंहदेव का गढ़ कहे जाने वाले सरगुजा में टीएस बाबा खुद अपनी सीट नहीं बचा पाए. ऐसे में कांग्रेस के लिए सरगुजा लोकसभा सीट कड़ी चुनौती है. अगर कांग्रेस की तरफ से टिकट के दावेदारों की बात की जाए तो पूर्व शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम की यहां पर दावेदारी मजबूत दिख रही है. प्रतापपुर से विधायक रह चुके प्रेम साय सिंह का इस बार कांग्रेस ने टिकट काट दिया था.
इसके अलावा खेलसाय सिंह की भी दावेदारी मजबूत दिख रही है. खेलसाय सिंह प्रेमनगर से 4 बार विधायक और तीन बार सांसद रह चुके हैं. हालांकि इस बार वो चुनाव हार गए.
इन दोनों के साथ एक और नाम चर्चा में है. अंबिकापुर के महापौर डॉ अजय तिर्की को भी टिकट मिल सकता है. इस बार रामानुजगंज से कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वो भी चुनाव हार गए थे. वहीं 2009 में कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ चुके राम देव राम भी इस लिस्ट में हैं..
फिलहाल इन नामों को लेकर कयास जारी है. देखने वाली बात होगी कि बीजेपी-कांग्रेस किसे अपना उम्मीदवार बनाती है.
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