Bhupesh Baghel News- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही चुनाव हार गई लेकिन पूर्व सीएम भूपेश बघेल का दबदबा अब भी बरकरार है. आलाकमान को भूपेश पर भरोसा है इसलिए पार्टी उन्हें अहम जिम्मेदारी देती रहती है.
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लोकसभा चुनाव नजदीक है. बिहार के बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए राजनीतिक संकट छाया था. लेकिन हिमाचल में चल रहे सियासी घमासान के बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल संकट मोचन की भूमिका में नजर आए. बुधवार को कांग्रेस ऑब्जर्वर्स भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने हिमाचल के कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें भूपेश बघेल भी शामिल हुए.
भूपेश को क्यों मिली अहम जिम्मेदारी?
हिमाचल में शुरू से ही कांग्रेस पार्टी को क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा था. यही वजह है कि हाईकमान ने वोटिंग के दिन पहले यानी 26 फरवरी से ही बघेल को हिमाचल भेजा था. भूपेश राज्य में विधानसभा चुनाव के वक्त प्रभारी भी रह चुके हैं. ऐसे में वो सभी विधायकों को बखूबी जानते हैं.
क्रॉस वोटिंग से बढ़ा संकट
कांग्रेस के लाख जतन के बावजूद वहां क्रॉस वोटिंग तो हुई. साथ ही सरकार भी खतरे में आ गई . ऐसे में बघेल वहीं रहकर पूरी सियासी गतिविधियों पर नज़र रख रहे थे. आलाकमान को भूपेश पर भरोसा है. इसलिए उन्हें पार्टी कई मौकों पर अहम जिम्मेदारी सौंप चुकी है. इससे पहले बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा की जिम्मेदारी भूपेश बघेल को सौंपी गई थी.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नैय्या कैसे पार लगाएंगे बघेल?
एक ओर जहां लोकसभा चुनाव सिर पर है. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस थोड़ी कमजोर लग रही है. कांग्रेस में चुनाव को लेकर वो हलचल दिखाई नहीं दे रही जितनी बीजेपी में नजर आ रही है. भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. बघेल दूसरे प्रदेश के लिए संकटमोचन तो बन गए हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नैय्या कैसे पार लगाएंगे ये बड़ा सवाल है.
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