Balod News: वैसे तो छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. लेकिन जब इस कटोरे में धान भरने वाले किसान को अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफतरों को ही अपना दूसरा घर बना ले, तो शासन-प्रशासन के लिए कितनी शर्म की बात है. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां एक किसान (Chhattisgrah Farmer) अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.
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दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठाने के लिए खिलानंद साहू को पहले अपने आप को कागजों में जिंदा साबित करना पडे़गा. योजना की पांच किस्त मिलने के बाद किसान सरकारी सिस्टम में मृत घोषित करार दिया गया. छत्तीसगढ़ Tak से बातचीत के दौरान पीड़ित किसान का दर्द छलक पड़ा. देखें यह रिपोर्ट
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