Sukma Rape Case: नाबालिग छात्रा से बलात्कार के खिलाफ आज सुकमा बंद, पीड़ित परिवार को 50 लाख देने की मांग

Sukma Rape Case- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के सुकमा जिले के एर्राबोर (Errabor) की घटना को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा (Chhattisgarh BJP) ने मंगलवार को…

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Sukma Rape Case- छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के सुकमा जिले के एर्राबोर (Errabor) की घटना को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा (Chhattisgarh BJP) ने मंगलवार को एकदिवसीय बंद की घोषणा की है. पार्टी ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा. भाजपा ने रेप में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ने और सरंक्षण देने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को 50 लाख की सहायता राशि प्रदान करने की भी मांग की है. वहीं भाजपा के इस बंद का असर जिले भर में देखने को मिल रहा है. अलग-अलग जगहों पर पुलिस की तैनाती भी की गई है.

बता दें कि सुकमा जिले के एर्राबोर क्षेत्र के अंतर्गत कन्या आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन में अध्ययनरत छह साल की आदिवासी छात्रा के साथ 22 जुलाई को रेप की घटना हुई थी. बलात्कार के आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. आदिवासी छात्रा के साथ रेप का आरोपी स्कूल की महिला चपरासी का पति निकला. वहीं इस मामले में कन्या आवासीय पोटाकेबिन की अधीक्षिका के खिलाफ भी पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. उनकी भी गिरफ्तारी हो चुकी है. दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल भाजपा लगातार भूपेश सरकार पर मामले की लीपापोती करने का आरोप लगा रही है. मामले में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया, जिसने सुकमा के एरार्बोर पोटकेबिन जाकर जांच की. हालांकि का पार्टी का आरोप है कि इस जांच टीम को पीड़ित परिवार से मिलने नही दिया गया और पुलिस ने उन्हें रोक लिया.

जिले में बंद का असर

बंद का असर जिले भर में देखने को मिल रहा है. सुकमा, छिंदगढ़, तोंगपाल, दोरनापाल, कोंटा की सभी दुकाने बंद है. सभी चोक चौराहों पर पुलिस की तैनाती की गई है.

भाजपा जांच दल ने लगाए थे ये आरोप

रेप मामले में भाजपा के कई नेता और कार्यकर्ता भूपेश सरकार (Bhupesh Government) में कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. वहीं इस मामले में गठित पांच सदस्यीय जांच टीम बुधवार देर शाम जगदलपुर पहुंची थी. दरअसल, पोटाकेबिन में हुई घटना को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने 5 सदस्यी जांच टीम का गठन किया, जिसने सुकमा के एरार्बोर पोटाकेबिन जाकर जांच की मगर भाजपा की जांच टीम को पीडित परिवार से मिलने नही दिया गया. टीम का आरोप है कि महिला पुलिस बल लगाकर जांच दल को रोका गया.भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए जांच दल के सदस्यों ने बताया कि पोटाकेबिन में बच्चियों को ठूस-ठूस कर रखा गया हैं ना वहां सुरक्षा के कोई इंतेज़ाम हैं और ना ही परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बच्चियों की सुरक्षा करने वाला कोई नही हैं. जांच टीम ने कहा कि मंत्री कवासी लखमा के क्षेत्र में आदिवासी बच्ची के साथ दुष्कर्म किया जाता हैं और मंत्री खामोश हैं.घटना से यह साफ हो गया कि पोटाकेबिन में जो बच्चियां रह रही हैं वह बिल्कुल सुरक्षित नही हैं. ऐसे में अब पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए भाजपा पीछे नही हटेगी.जांच दल के सदस्यों ने ऐसी घटना करने वालो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की. जांच दल में पूर्व मंत्री लता उसेंडी,रंजना साहू,ओजस्वी मंडावी,सावित्री राजपूत और सुधीर पांडेय शामिल थे.

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