Chhattisgarh Liquor Scam- छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर सहित चार लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. शुक्रवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला दिया.
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बिलासपुर हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसले में कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित और आबकारी विभाग के विशेष सचिव रहे अरुणपति त्रिपाठी की ओर से लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया. चारों आरोपियों को पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था.
ईडी के वकील डॉ सौरभ पांडे ने बताया कि कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच चल रही है. इस बीच छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चार लोगों की जमानत याचिका खारिज की. इनमें सबसे पहला नाम एजाज ढेबर का है. इसके अलावा त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी की भी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है.
करोड़ों की संपत्ति होगी अटैच!
प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार, शराब घोटाले के इस मामले में अब तक करोड़ों की संपत्ति अटैच किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शराब घोटाले के पैसे से बनाए गए अकूत संपत्तियों को चिन्हांकित कर इन्हें अटैच किया जा रहा है. अधिवक्ता ने बताया कि यह रकम तकरीबन 180 करोड़ से ज्यादा की होगी. इसके लिए मनी लांड्रिंग और आर्थिक अपराध के दूसरे तरीकों से बनाए गए उन संपत्तियों को चिन्हांकित किया जा रहा है, जिन्हें रिकवरी के तौर पर देखा जा सकता है. छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के इस कथित मामले को लेकर ईडी ने अब तक जो जांच कार्रवाई की है उससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि इस कथित मामले से बनाए गए बेमानी संपत्तियां का आंकड़ा करोड़ों में है.
अब तक करोड़ों की संपत्ति अटैच
ईडी के अधिवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक, 22 मई 2023 को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जारी किए गए आधिकारिक जानकारी में यह स्पष्ट किया गया था कि अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड रुपए की संपत्ति अटैच की गई थी. इसके अलावा तकरीबन 119 करोड़ की अचल संपत्ति भी अटैच की गई थी.
फिर लग जाएगी रिट याचिका?
इस कथित शराब घोटाले के मामले को लेकर जहां छत्तीसगढ़ में मौजूदा कांग्रेस सरकार की काफी किरकिरी हो रही है, वहीं एक बार फिर से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की ओर से इन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज होने के बाद जमानत के लिए संभवत जल्द ही रिट याचिका लगाई जा सकती है. हालांकि यह रिट याचिका किस आधार पर लगाई जाएगी यह स्पष्ट नहीं है. अभियुक्त की तरफ से लगाई जाने वाली रिय याचिका में जमानत के लिए सेहत संबंधी बिंदु पर जोर दिया जा सकता है क्योंकि इससे पहले भी गंभीर रूप से बीमार होने और बीमारी का हवाला देकर जमानत के लिए याचिका लगाई गई थी.
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