Mahadev Satta King: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले (Raigarh News) में साइबर टीम और पुलिस की टीम ने महादेव ऐप (Mahadev Betting App) और लोटस ऐप (Lotus App) में करोड़ो की रकम फर्जी खातों में जमा करने के साथ-साथ बड़े लेन-देन करने का खुलासा किया है. पुलिस ने मामले में डिप्टी मैनेजर समेत दो बैंकों के कर्मचारियों और उनके अन्य दो साथियों को अलग-अलग धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है.
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पुलिस ने गिरफ्तार किये गए बैंक कर्मचारी और दो अन्य सहयोगियों के खातों को होल्ड करने के साथ-साथ सौ अन्य खातों को भी होल्ड करते हुए जांच के दायरे में ले लिया है. पुलिस का मानना है कि महादेव सट्टा और लोटस सट्टे में इनके और भी सहयोगी कार्यरत हैं और सभी के लिंक तलाशने के लिये कई टीमें बनाई गई हैं.
इस तरह हुआ भंडाफोड़
रायगढ़ जिला मुख्यालय स्थित कर्नाटका बैंक और इंसूलेंट बैंक में उन लोगों के खाते खोले जाते थे जो अपने खाते के संचालन के नाम पर एक निश्चित रकम लेते थे लेकिन उनका खाता बैंक के डिप्टी मैनेजर और अन्य कर्मचारी करते थे और फर्जी तरीके से खाते का संचालन करने वाले दो सहयोगी भी महादेव ऐप और लोटस ऐप के संचालन में कमाई गई रकम इन खातों में जमा करके लेनदेन करते थे. जबकि जिनके नाम से खाते खोले गए थे उन्हें इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी नही थी.
एक शिकायत के आधार पर पुलिस की जांच जब शुरू हुई तब दो बैंक के कर्मचारी, जिसमें एक डिप्टी मैनेजर और एक अन्य कर्मचारी हिरासत में लिये गए और उनसे पूछताछ के बाद सट्टे के कारोबार का संचालन करने का बडा मामला सामने आया.
महादेव सट्टा और लोटस सट्टा से जुड़े हुए हैं तार
इस संबंध में जिले के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने बताया कि इंसुलेंट बैंक और कर्नाटका बैंक के जिन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है वे दूसरे के नाम से खोले गए खातों का संचालन करके सट्टे की रकम का लेनदेन करते थे और उनके दो सहयोगी ऐसे लोगों का खाता खोलते थे जिन्हें मात्र 5 हजार देकर उनके खाते का संचालन खुद करते थे. गिरफ्तार लोगों के पास से बड़ी मात्रा में एटीएम और बैंकों के पासबुक जब्त की गई है और अब तक सौ खातों को होल्ड कर दिया गया है.
सटोरियों के लिंक पर पुलिस की नजर
बहरहाल रायगढ़ जिले में पहली बार पुलिस के हत्थे एक ऐसा गैंग चढा है जिसमें बैंक के कर्मचारी शामिल हैं और महादेव सट्टा और लोटस सट्टा के कारोबार में अन्य लोगों के साथ मिलकर बड़ी आसानी से करोड़ो की रकम का लेनदेन कर रहे थे.
अब इस जांच की शुरूआत में ही बड़े खुलासे होने के बाद पुलिस को लगता है कि इस गिरोह का संबंध किसी बडे सटोरियों से है जिनके लिंक की तलाश शुरू कर दी गई है.
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