महादेव ऐप मामले में एक्शन मोड में सरकार, अब आरोपियों का होगा प्रत्यर्पण?

Mahadev Betting App Case- महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में कार्रवाई तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल लाने वाले इस ऐप के…

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Mahadev Betting App Case- महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में कार्रवाई तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल लाने वाले इस ऐप के प्रमोटरों में से एक सौरभ चंद्राकर (Sourabh Chandrakar) को दुबई में “घर में नजरबंद” कर दिया गया है, जबकि ईडी सहित भारतीय जांच एजेंसियां “सतर्क” हो गई हैं और उन्हें निर्वासित करने के लिए राजनयिक चैनलों के माध्यम से काम कर रही हैं. वहीं करोड़ों रुपये के इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही नई चार्जशीट भी दाखिल कर सकता है.

सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के एक और प्रमोटर रवि उप्पल को ईडी के आदेश पर इंटरपोल की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) पर दुबई में स्थानीय अधिकारियों ने पहले ही हिरासत में लिया है. इस कदम के कुछ हफ्ते बाद अब यह नया घटनाक्रम सामने आया है.

सूत्रों ने कहा कि दुबई में चंद्राकर के स्थान के बारे में जांच एजेंसी को सूचित कर दिया गया है और उन्हें “घर में नजरबंद” कर दिया गया है.

आरोपियों होगा प्रत्यर्पण?

सूत्रों के अनुसार, यूएई के अधिकारियों ने दुबई में चंद्राकर के ठिकाने पर ताला भी जड़ दिया है. उसे बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि उसके भागने का खतरा है. संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारी फिलहाल उस पर निगरानी रख रहे हैं और भारतीय अधिकारियों की ओर से उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने और अंततः हजारों करोड़ रुपये के महादेव बुक रैकेट मामले में गिरफ्तारी का इंतजार कर रहे हैं.  वहीं भारतीय एजेंसियां, राजनयिक चैनलों के माध्यम से, उन दोनों के निर्वासन या प्रत्यर्पण को सुरक्षित करने के लिए काम कर रही हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग और ‘महादेव बुक ऑनलाइन’ ऐप की कथित अवैध गतिविधियों की पुलिस जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं.

ईडी भी सख्त, नई चार्जशीट होगी दाखिल!

महादेव ऐप मामले में ईडी ने भी कार्रवाई तेज कर दी है. ईडी की ओर से इस मामले में नवंबर में छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार किए गए दो लोगों – कथित कैश कूरियर असीम दास और पुलिस कांस्टेबल भीम यादव – के खिलाफ एक नया (पूरक) आरोप पत्र दाखिल करने की भी उम्मीद है. एजेंसी ने रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने पहले आरोप पत्र में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया था.

बता दें कि छत्तीसगढ़ और मुंबई पुलिस अपराध शाखा की जांच के अलावा, दोनों व्यवसायियों से ऑनलाइन ऐप्स के माध्यम से कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा जांच की जा रही है. 43 साल के उप्पल को पिछले हफ्ते दुबई में हिरासत में लिया गया था. ईडी के अनुरोध के आधार पर इंटरपोल द्वारा दोनों के खिलाफ एक रेड नोटिस जारी किया गया था जो अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट पर आधारित था.

चार्जशीट में क्या है?

-आरोप पत्र में सौरभ चंद्राकर के चाचा दिलीप चंद्राकर के बयान का हवाला दिया गया था कि साल 2019 में सौरभ के दुबई जाने से पहले वह छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में अपने भाई के साथ ‘जूस फैक्ट्री’ नाम से जूस की दुकान चलाता था.

-ईडी ने दावा किया कि सौरभ चंद्राकर की शादी फरवरी साल 2023 में रास अल खैमा, संयुक्त अरब अमीरात में हुई थी और इस कार्यक्रम के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये “नकद” खर्च किए गए थे, जिसमें उनके रिश्तेदारों को भारत से संयुक्त अरब अमीरात ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिए गए थे और मशहूर हस्तियों को भी पेमेंट किया गया था.

-ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है.

विधानसभा चुनाव में मचा था बवाल, ईडी ने किया था बड़ा दावा

एजेंसी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले नवंबर में दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और ‘कैश कूरियर’ असीम दास के बयान से “चौंकाने वाले आरोप” लगे हैं कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. ये आरोप “जांच का विषय” हैं.

हालांकि दास ने बाद में रायपुर की विशेष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई थी.

ऐसे चलता है महादेव ऐप

सट्टेबाजी कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं और महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन एक प्रमुख सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता है.

अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप यूएई के एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलाया जाता है. यह अपने ज्ञात सहयोगियों को 70-30 प्रतिशत लाभ अनुपात पर “पैनल/शाखाओं” की फ़्रेंचाइज़िंग से संचालित होता है.

ईडी ने कहा था कि सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किए जाते हैं.

ईडी ने कहा था कि नए यूजर और फ्रेंचाइजी (पैनल) चाहने वालों को आकर्षित करने और सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन के लिए भारत में कैश में बड़ा खर्च भी किया जा रहा है.

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