छत्तीसगढ़ में नई सत्ता आते ही नक्सल वारदातों में इजाफा! साय सरकार का क्या है प्लान?

Chhattisgarh Naxal Attacks-  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार को सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक उप-निरीक्षक…

ChhattisgarhTak
follow google news

Chhattisgarh Naxal Attacks-  छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार को सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक उप-निरीक्षक की मौत हो गई और एक कांस्टेबल घायल हो गया. इस घटना के साथ ही राज्य के बस्तर संभाग में विभिन्न नक्सली घटनाओं में इस महीने अब तक तीन सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और सात अन्य घायल हो गए हैं. बता दें कि प्रदेश में नई सरकार बनते ही ये वारदातें हुई हैं. विधानसभा चुनाव के दौैरान भी ऐसी वारदातें लगातार देखी गईं जिसे लेकर बीजेपी तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही. लिहाजा प्रदेश में सरकार बनाने के बाद मौजूदा साय सरकार के लिए नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाना सबसे बड़ी चुनौती होगी.

ताजा ताजा घटना रविवार सुबह जगरगुंडा थाना क्षेत्र में हुई जब सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन की एक टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऑपरेशन सुबह करीब 7 बजे बेद्रे कैंप से उर्संगल गांव की ओर शुरू किया गया. ऑपरेशन के दौरान, गोलीबारी हुई जिसमें उप-निरीक्षक (एसआई) सुधाकर रेड्डी की मौत हो गई और कांस्टेबल रामू गोली लगने से घायल हो गए.

हिरासत में चार संदिग्ध

गोलीबारी रुकने के बाद मौके से चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ, इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन) और जिला बल के जवानों की एक संयुक्त टीम इलाके में तलाशी ले रही थी. घायल कांस्टेबल को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने कहा कि रेड्डी आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के मूल निवासी थे.

केंद्र की मदद से नक्सलवाद खत्म करेगी राज्य सरकार?

राज्य जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को संबंधित अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि केंद्र की मदद से राज्य सरकार नक्सलवाद को खत्म करेगी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सीएम साय ने घटना पर दुख जताया और शहीद एसआई को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने अधिकारियों को घायल जवान को उचित इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया.  साय ने संबंधित अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और राज्य में नक्सल विरोधी अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया.

बैठक में साय के हवाले से कहा गया, “नक्सली हताशा में हिंसा करते हैं. हम (नक्सल प्रभावित इलाकों में) विकास के जरिए लोगों का विश्वास जीतेंगे. हम केंद्र के सहयोग से नक्सलवाद को खत्म करेंगे.” सीएम ने अधिकारियों को शहीद जवानों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया. बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

15 दिनों में तीन बड़ी घटनाएं

ताजा घटना के साथ, बस्तर क्षेत्र में 2 दिसंबर से अलग-अलग नक्सली घटनाओं में तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और सात अन्य घायल हो गए हैं. ये घटनाएं कांकेर, कोंडगांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिलों में हुई हैं.

14 दिसंबर को कांकेर जिले में नक्सलियों की ओर से किए गए विस्फोट में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान शहीद हो गया था, जबकि 13 दिसंबर को नारायणपुर जिले में नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) के एक जवान की मौत हो गई हुई थी.

चुनाव अभियान में बीजेपी का था ये वादा

छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों को बीजेपी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान बड़ा  मुद्दा बनाया था. नवंबर के दूसरे सप्ताह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जशपुर में एक रैली के दौरान प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने पर पांच साल के भीतर नक्लवाद खत्म करने का वादा किया था. शाह ने शाह ने लोगों से “डबल इंजन” सरकार (केंद्र और छत्तीसगढ़ में भाजपा) बनाने की अपील की थी और आश्वासन दिया था कि पांच साल में राज्य से नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा.

वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने तो कांग्रेस से नक्सलियों की सांठगांठ की बात तक कह दी थी. गरियाबंद जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए सरमा ने आरोप लगाया था, “कांग्रेस नक्सलियों के सहयोग से चुनाव लड़ रही है. भूपेश बघेल सीआरपीएफ पर सवाल उठाते हैं. जो फोर्स नक्सलियों से लोहा लेते-लेते अपने प्राण न्यौछावर कर देते हैं, शहीद हो जाते हैं उन पर टिप्पणी करते हैं.”

ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल करने के बाद नक्सल वारदातों पर अंकुश लगाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.

इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में पहले चरण के चुनाव के दौरान आठ नक्सली मुठभेड़, आईईडी विस्फोट; एक सुरक्षाकर्मी शहीद, पांच घायल

    follow google newsfollow whatsapp