Chhattisgarh Coal liquor scam Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) में कथित कोयला और शराब घोटाले के मामले पर ईडी (ED)ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में एफआईआर दर्ज कराई है. ईडी की ओर से दर्ज केस में कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, कई आईएएस अफसर और कांग्रेसी नेताओं के नाम भी शामिल है. ईडी ने कोयला घोटाले में 71 नामजद और शराब घोटाले में 35 लोगों को नामजद शामिल किया है. इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम विष्णुदेव साय पर निशाना साधा है.
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एफआईआर पर भड़के भूपेश बघेल
कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व मंत्रियों के खिलाफ कथित शराब और कोयला घोटाले के मामले में FIR को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल भड़क गए. बघेल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने ये साजिश है. जब इस मामले को लेकर पिछले 3 सालों से ईडी और आईटी जांच कर रहे थे. उस दौरान हमारे किसी भी नेता का नाम नहीं लिया गया था. अब हमारे कई नेताओं के खिलाफ एसीबी ने एफआईआर दर्ज किया है, ये षड़यंत्र है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस नेता यूडी मिंज का नाम लिया गया है, क्योंकि उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के खिलाफ चुनाव लड़ा था. बघेल ने सीएम विष्णुदेव साय पर छोटी सोच वाली मानसिकता के होने का आरोप लगाया है.
पूर्व मंत्रियों, विधायकों पर दर्ज हुई एफआईआर
शराब घोटाले के कथित में कांग्रेस सरकार के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, पूर्व सीएस विवेक ढांड समेत एक दर्जन से ज्यादा आबकारी अधिकारी के नाम शामिल हैं, वहीं कोयला घोटाले के कथित मामले में जेल में बंद रानू साहू, समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, सुनील अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, विनोद तिवारी, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, शिशुपाल सोरी, बृहस्पत सिंह, रामगोपाल अग्रवाल, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक यूडी मिंज, पूर्व विधायक गुलाब कमरो, चंद्रदेव राय, विजय भाटिया समेत 71 लोगों का नामजद किया है। यह एफआईआर ईडी अधिकारी संदीप कुमार की तरफ से 17 जनवरी को दर्ज कराई गई है।
जानें अब तक कोल मामले में क्या हुआ?
छत्तीसगढ़ में कथित कोल घोटाले के लेकर ईडी ने बीते 3 सालों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई बार छापे मारे. अब तक ईडी ने कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सीएम सेकेट्रिएट की अधिकारी सौम्या चौरसिया, पूर्व आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया. इतना ही नहीं इस मामले में 200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अटैच भी की गई है. ईडी इसे मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा इसे प्रदेश का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए शिकायत प्रदेश की ACB से की थी.
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