Chhattisgarh Naxal Encounter: मुठभेड़ में मारे गए 6 नक्सलियों पर था 38 लाख रुपये का इनाम, पुलिस ने बताई पूरी कहानी

ChhattisgarhTak

09 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 9 2024 1:42 PM)

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में दो दिन पहले सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए छह नक्सली खूंखार कैडर थे, जिन पर कुल 38 लाख रुपये का इनाम था.

Chhattishgarh naxal

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Chhattisgarh Naxal Encounter- छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में दो दिन पहले सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए छह नक्सली खूंखार कैडर थे, जिन पर कुल 38 लाख रुपये का इनाम था.

पुलिस ने शनिवार को बताया कि यह ऑपरेशन पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) कंपनी नंबर 6 पर सुरक्षा बलों की ओर से किया गया अब तक का सबसे बड़ा हमला है.

पुलिस ने कहा कि इससे पूर्वी बस्तर संभाग में नक्सलियों के बीच डर का माहौल बन गया है, जिसे उनका मजबूत गठन माना जाता है.

कहां हुई मुठभेड़?

मुठभेड़ शुक्रवार को ओरछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोबेल और थुलथुली गांवों के पास हुई. पुलिस ने पहले कहा था कि सात नक्सली मारे गए, लेकिन बाद में उन्होंने संख्या को संशोधित कर छह कर दिया, जिसमें तीन महिलाएं शामिल थीं.  मृतक पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) की सैन्य कंपनी नंबर 6 और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के पूर्वी बस्तर संभाग गठन से संबंधित थे.

6 जून को शुरू हुआ था अभियान

पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पीएलजीए सैन्य कंपनी संख्या 6 और पूर्वी बस्तर संभाग संरचनाओं के माओवादियों की मौजूदगी के बारे में मिली सूचना के आधार पर नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों की सीमा पर 6 जून की देर रात सुरक्षाकर्मियों की अलग-अलग टीमों के साथ अभियान शुरू किया गया."

उन्होंने बताया कि अभियान में चार जिलों के पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 45वीं बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीडी) की 95वीं बटालियन के जवान शामिल थे.

आईजी ने बताया, "शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे नक्सलियों ने भटबेड़ा-बट्टेकल और छोटेतोंडेबेड़ा गांवों के पास जंगल में सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों की अलग-अलग टीमों के बीच काफी देर तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जिसके बाद नक्सली एक पहाड़ी की आड़ लेकर घने जंगल में भाग गए.

क्या-क्या हुआ बरामद?

सुंदरराज ने बताया कि घटनास्थल की तलाशी के दौरान अलग-अलग स्थानों से वर्दी पहने छह नक्सलियों के शव बरामद किए गए. उनके पास से दो .303 राइफल, एक .315 बोर राइफल, 10 बीजीएल (बैरल ग्रेनेड लांचर) के गोले, एक एसएलआर मैगजीन, एक कुकर बम, पांच बैग, भारी मात्रा में विस्फोटक, दवाइयां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं.

उन्होंने बताया कि इलाके में कई जगहों पर खून के धब्बे पाए गए, जिससे संकेत मिलता है कि मुठभेड़ में कुछ अन्य नक्सली भी मारे गए या घायल हुए हैं.

ये नक्सली हुए ढेर

 आईजी ने बताया कि मारे गए छह नक्सलियों में से चार की पहचान मासिया उर्फ ​​मेसिया मंडावी (32), स्नाइपर टीम कमांडर और प्लाटून नंबर 2 सेक्शन '' कमांडर, रमेश कोर्राम (29), डिप्टी कमांडर, सन्नी उर्फ ​​सुंदरी, पार्टी सदस्य और साजंती पोयाम के रूप में हुई है, जो माओवादियों के पूर्वी बस्तर डिवीजन के तहत पीएलजीए कंपनी नंबर 6 की सदस्य थी.

 उन्होंने बताया, "इन चारों पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। बाकी दो की पहचान जयलाल सलाम के रूप में हुई है, जो बयानार एरिया कमेटी का सक्रिय सदस्य था और उसके सिर पर 5 लाख रुपये का इनाम था, और जननी उर्फ ​​जननी (28) के रूप में, जिसके सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम था."

 सहायक उपनिरीक्षक कचरू राम कोर्राम (45), और कांस्टेबल मंगलू राम कुमेटी (47) और भरत सिंह धरल (23) मुठभेड़ में घायल हो गए और उन्हें उन्नत उपचार के लिए रायपुर ले जाया गया और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है.

 सुंदरराज ने कहा, "यह ऑपरेशन कंपनी नंबर 6 पर सुरक्षा बलों द्वारा अब तक का सबसे बड़ा हमला है, जिसे नक्सलियों के हमलावर बल, बयानार एरिया कमेटी और नक्सलियों की आमदई एरिया कमेटी का एक स्तंभ माना जाता है. इसने पूर्वी बस्तर संभाग में नक्सलियों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है, जिसे उनका मजबूत गठन माना जाता है."

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय नक्सली नेतृत्व कथित तौर पर ग्रामीणों और अपने निचले कैडर को जिम्मेदार ठहरा रहा है. बस्तर और दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा और गौरव राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य बस्तर संभाग के सुदूर जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले लोगों को माओवादी विचारधारा से बचाना है ताकि क्षेत्र में विकास और शांति स्थापित हो सके. दोनों एसपी ने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की.

71 मुठभेड़ों में 123 नक्सली मारे गए

 ​​पुलिस ने बताया कि इस साल अब तक बस्तर संभाग में कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में 71 मुठभेड़ों में 123 नक्सली मारे गए हैं और 136 आग्नेयास्त्र बरामद किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इसी अवधि में संभाग में 339 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है.

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