छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ईडी को झटका, बघेल बोले- मोदी सरकार बेनकाब हुई

ChhattisgarhTak

09 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 9 2024 1:48 PM)

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़ा मनी लांड्रिंग आरोप रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने बीजेपी और ईडी पर जमकर निशाना साधा.

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल

Bhupesh Baghel

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Chhattisgarh Sharab Ghotala- छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में दो मुख्य आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़ा मनी लांड्रिंग आरोप रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने बीजेपी और ईडी पर जमकर निशाना साधा.

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शीर्ष अदालत के ताजा फैसले से दो हजार करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से दोनों को राहत मिली है.

भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट किया, ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हुआ और मोदी सरकार बेनकाब हुई.

ईडी और बीजेपी पर भड़के बघेल

बघेल ने आगे लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के आज (सोमवार) के फ़ैसले से साबित हो गया है कि ईडी भाजपा के इशारे पर हर मामले को मनीलॉण्ड्रिंग का मामला बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है.

ऐन विधानसभा चुनाव से समय ईडी ने शराब घोटाले का मामला दर्ज किया और भाजपा को चुनावी हथियार दिया. भाजपा ने पूरे चुनाव में कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की.

आज सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साफ़ हो गया है कि भाजपा सिर्फ़ झूठ फैला रही थी.

षडयंत्र खुल गया है

राजनांदगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बघेल ने कहा, भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने का यह षडयंत्र खुल गया है.

उन्होंने कहा कि जनता देखेगी कि और जो भी मामले कांग्रेस को बदनाम करने के लिए खड़े किए गए हैं वो भी इसी तरह से धराशाई होंगे. यह सही समय है जब ईडी जैसी जांच एजेंसियों को भी समझना चाहिए कि उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, वे किसी राजनीतिक खेल का हिस्सा न बनें.

मनी लांड्रिंग का मामला ही नहीं बनता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में ईसीआईआर और एफआईआर को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध नहीं हुए हैं. इस पूरे घटनाक्रम में जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है तो मनी लांड्रिंग का मामला ही नहीं बनता.

क्या है शराब घोटाला?

जांच एजेंसी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया. 2019-22 में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक काले धन की कमाई हुई. मनी लॉन्ड्रिंग मामला 2022 में दिल्ली की एक अदालत में दायर आयकर विभाग की चार्जशीट से उपजा है. छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप है कि सीएसएमसीएल (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई.

केंद्रीय एजेंसी के मुताबिक, प्रति शराब मामले के आधार पर राज्य में डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और देशी शराब को ऑफ-द-बुक बेचा गया. ईडी के अनुसार, डिस्टिलर्स से कार्टेल बनाने और बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली गई थी.

 

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