CG Liquor Scam Case: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के नकली होलोग्राम मामले में नया खुलासा हुआ है.गुरुवार को EOW ने आरोपी और रायपुर के कांग्रेस मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर के धनेली स्थित खेत से नकली होलोग्राम के कई रोल अधजली हालत में जब्त किए हैं.इन्हें जमीन से 6 फीट नीचे दबाया गया था. EOW ने जेसीबी की मदद से खुदाई कर इन्हें बाहर निकाला. इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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EOW ने सबूत मिटान के प्रयास में होलोग्राम के साथ तीन आरोपी अमित सिंह, अनुराग द्विवेदी और दीपक दुआरी को गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी है. अमित शराब घोटाले के प्रमुख आरोपी में एक अरविंद सिंह का भतीजा है.EOW ने प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी है. टीम को सूचना मिली थी कि अनवर ढेबर के धनेली स्थित परिसर में अधजले हालत नकली होलोग्राम को गड्डा खोदकर छुपाकर रखा गया है. इसे खेत में गाड़ दिया गया है. इस सूचना के बाद एसीबी की टीम जेसीबी लेकर धनेली स्थित खेत में पहुंची और गड्डे को खोदकर पांच कार्टून अधजले नकली होलोग्राम बरामद कर लिए है.
अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी
बता दें कि, शराब घोटाला में इन्हीं नकली होलोग्राम का प्रयोग किया गया था. ईडी के बाद एसीबी भी इस केस की जांच कर रही है. एसीबी ने हाल ही में 10 हजार से अधिक पन्नों का चालान कोर्ट में पेश किया है. अफसरों की मानें तो दोनों एजेंसियों की लंबी जांच के बावजूद अब तक नकली होलोग्राम किसी के हाथ नहीं लगा था. ये अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
इन लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
शराब घोटाले में मनी लाउंड्रिंग की जांच कर रही ED ने रायपुर एसीबी में FIR दर्ज कराई थी. इसमें दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई थी. ED ने पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में सबसे ताकतवर IAS अफसर अनिल टूटेजा,आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के ज़रिए घोटाले को अंजाम दिया गया था. ED द्वारा दर्ज कराई गई FIR की जांच एसीबी कर रही है. एसीबी से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी,जिससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है.
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