Chhattisgarh IT Raids- आयकर विभाग ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत (Amarjeet Bhagat) से जुड़े स्थानों और राज्य के व्यापारियों सहित अन्य जगहों पर तलाशी ली. आयकर विभाग की कार्रवाई के पीछे की वजह का तत्काल पता नहीं चल पाया है.
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अधिकारियों के मुताबिक, सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव समेत विभिन्न जिलों में बुधवार सुबह से ही तलाशी चल रही थी. एक दर्जन आईटी कर्मियों की एक टीम आज सुबह सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर शहर में भगत के आवास पर पहुंची. उनके घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात दिखे.
भगत के करीबियों के घर पर भी छापा
आयकर विभाग की टीम ने भगत के अंबिकापुर स्थित केनाबांध स्थित निवास और पाइप फैक्टरी में छापा मारा है. पूर्व मंत्री भगत के वाहन चालक महेंद्र कुमार के गाड़ाघाट स्थित घर पर भी आयकर विभाग की टीम ने दबिश दी. इनका कामकाज देखने वाले कर्मचारी के घर भी आईटी की टीम पहुंची. इस दौरान पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के निवास में कोई भी सदस्य नहीं था. कर्मचारियों के आने के बाद यह जांच शुरू हुई. घर के आसपास हथियारबंद जवानों को तैनात किया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ से पहुंचे अधिकारियों ने जांच को लेकर कुछ भी बताने से इनकार किया.
वहीं बारह से भी अधिक वाहनों से अधिकारियों की टीम अंबिकापुर के केनाबाँध स्थित पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के घर पर भी पहुंची. जब भगत के यहां काम करने वाले कर्मचारी पहुंचे तब आइटी के अधिकारियों ने जांच शुरू की.
रायपुर, भिलाई, रायगढ़, कोरबा और राजनांदगांव में भी दबिश
पुलिस अधिकारियों ने रायपुर,रायगढ़, भिलाई, कोरबा और राजनांदगांव में कुछ व्यापारियों के परिसरों पर सुरक्षा कर्मियों की सहायता से आईटी टीमों की उपस्थिति की पुष्टि की. जानकारी के अनुसार, भिलाई के बिल्डर अजय चौहान, पूर्व खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत के ओएसडी अतुल सेटे के रायगढ़ सिथित आवास पर भी आईटी विभाग ने दबिश दी. अधिकारियों के मुताबिक, सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव समेत विभिन्न जिलों में बुधवार सुबह से ही तलाशी चल रही थी.
कोयला लेवी घोटाला मामले में पूर्व मंत्री का नाम आया था सामने
छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय की एक शिकायत के आधार पर कथित कोयला लेवी घोटाले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इसकी जांच पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू हुई थी., जो पिछली भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अमरजीत भगत एफआईआर में नामित 35 आरोपियों में से हैं.
अमरजीत भगत कांग्रेस शासन में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी माने जाते थे. सत्ता का मजबूत केंद्र होने के कारण प्रशासनिक गतिविधियां भी इनके आसपास घूमती थी.
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