CGPSC भ्रष्टाचार मामला: HC ने पूछा- अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदारों का कैसे हुआ चयन

CGPSC corruption Case- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG-PSC 2022) में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट ने कई…

ChhattisgarhTak
follow google news

CGPSC corruption Case- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG-PSC 2022) में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट ने कई सवाल उठाए हैं. साथ ही चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने अधिकारियों और सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों के 18 पदों की नियुक्ति की जांच कराने के निर्देश दिए. बता दें कि पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने सीजीपीएससी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में आरोप लगाया है कि सीजीपीएससी में अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों समेत रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद दिए गए हैं. बुधवार को भी इस मामले की सुनवाई होगी.

याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस पर गहरी नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस ने पैरवी कर रहे वकील से पूछा कि एक ही अधिकारी के चार-पांच रिश्तेदारों का कैसे चयन हो सकता है. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और पीएससी से जवाब मांगा है.

पूर्व गृहमंत्री और भाजपा विधायक ननकीराम कंवर ने वकील संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सवाल किया है कि सीजीपीएससी  में अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों समेत रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद दिए गए हैं. उन्होंने इसनमें अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि अभ्यर्थियों की नियुक्ति इसलिए सवालों के घेरे में है, क्योंकि कई होनहार और प्रतिभावान अभ्यर्थियों को दरकिनार कर दिया गया है. जबकि अधिकारियों के रिश्तेदारों को अच्छा पद बांटा गया है, जिसका असर दूसरे प्रतियोगियों पर हुआ है और उन्हें छोटे पद दिए गए हैं.

इस पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पूछा कि एक साथ इतने रिश्तेदारों का चयन कैसे हुआ. पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन सचिव अमृत खलको समेत अधिकारियों के बेटे-बेटियों या करीबी रिश्तेदारों की नियुक्तियों को उन्होंने  गलत करार दिया.

चीफ जस्टिस ने कहा कि पीएससी सहित दूसरी संस्था में अधिकारी के बच्चों का चयन होना स्वाभाविक है. लेकिन, ऐसा क्या संयोग है कि पीएससी के चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों का चयन हुआ है. यह बहुत गलत बात है. अदालत ने कहा कि इनकी नियुक्ति रोक दीजिए. साथ ही डिवीजन बेंच ने चेयरमैन, अधिकारी और सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों के 18 पदों की नियुक्ति की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं.

क्या है आरोप?

कोर्ट में दाखिल याचिका के अनुसार चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच रिश्तेदारों की नियुक्ति की सूची सौंपी गई है, जिसमें उनके बेटे नितेश की नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर के पद पर की गई है साथ ही उनके सरनेम को छिपाया गया है. उनकी बहू निशा कोशले को डिप्टी कलेक्टर का पद मिला है.उनके बड़े भाई के बेटे साहिल का चयन डीएसपी के पद पर हुआ है, इसमें भी सरनेम का उल्लेख नहीं है. उनके भाई की बहू दीपा अजगले आदिल की नियुक्ति जिला आबकारी अधिकारी और बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी का पद दिया गया है.

याचिका के अनुसार, आयोग के सचिव के रिश्तेदार सुमित ध्रुव को डिप्टी कलेक्टर राज्यपाल के सचिव अमृत खलको की बेटी नेहा खलको को डिप्टी कलेक्टर, उनके बेटे निखिल खलको को डिप्टी कलेक्टर, बस्तर नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी ध्रुव को डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी प्रज्ञा नायक को डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार के बेटे प्रखर नायक को डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल को डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के दामाद शशांक गोयल को डिप्टी कलेक्टर, उनकी बेटी भूमिका कटियार को डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की बेटी खुशबू बिजौरा को डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला को डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कुमार कौशिक को डिप्टी कलेक्टर का पद दिया गया है.

भाजपा ने भी उठाए सवाल, की सीबीआई जांच की मांग

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) के 2022 के नतीजों की घोषणा होने के बाद से ही भाजपा इस पर सवाल खड़े कर रही है. भाजपा ने मंगलवार को इसमें धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. साथ ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. भाजपा नेता ओपी चौधरी ने कई उदाहरणों के जरिए पीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह यह मामला सामने आ रहा है इससे यही लगता है कि उत्तर की जांच की ही नहीं गई है या फिर औपचारिकता के लिए उत्तरों की जांच की गई है. उन्होंने कहा कि लगता है कि अपने चहेतों को अंक देकर चयनित करा दिया गया. जिस तरह के तथ्य और दस्तावेज सामने आ रहे हैं वे बेहद आपत्तिजनक हैं और इससे आशंका उत्पन्न हो रही है. यह छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है.

इसे भी पढ़ें- CGPSC परीक्षा में धांधली का आरोप, भाजपा ने की CBI जांच की मांग

    follow google newsfollow whatsapp