Neelam Sarai Water Fall: छत्तीसगढ़ का बीजापुर जिला (Bijapur) न केवल नक्सल संगठनों के चलते सुर्खियां बटोरता रहता है बल्कि अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है. दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य अपनी संस्कृती, कला और घने जंगलों के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक जलप्रपात राज्य के दक्षिण इलाके में पाए जाते हैं. इसीलिए घने जंगल और यहां के प्रकृति का लुत्फ उठाने अक्सर लाखों की तादाद में सैलानी आते रहते हैं.
कुछ वर्षों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हुए नीलम सरई जलप्रपात की तस्वीरें पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है. वायरल तस्वीरों के बाद नीलम सरई जलधारा में पर्यटकों का तांता लगा हुआ है. पर्यटक यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को अपनी यादों में कैद कर लेना चाहता है.
ADVERTISEMENT
तत्कालीन कलेक्टर ने किया था विकास
यहां के तत्कालीन कलेक्टर रहे रीतेश अग्रवाल के पर्यटन स्थलों को विकसित करने और जिले के विकास के फैसले के बाद नीलम सरई जलधारा में पर्यटकों की कतार लग गई, जिसके बाद जलप्रपात ने सुर्खियों पर अपनी जगह बनाइ थी. उसूर ब्लॉक स्थित नीलम सरई झरना चर्चित होने के बाद बीजीपुर के दर्शनीय स्थलों का सिरमौर बन चुका है. कलेक्टर के इस फैसले से बहुत से स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त हुआ है. पर्यटकों के आने से स्थानीय युवाओं को गाइड बनकर आपना रोजगार कमाने का मौका मिल रहा है.
कैसे पहुंचे?
नीलम सरई जलधारा का आनंद लेने के लिए सैलानी जगदलपुर से सड़क मार्ग के माध्यम से, निकटतम रेलवे जंक्शन दंतेवाड़ा से या फिर निकटतम हवाई अड्डा जगदलपुर से पहुंचा जा सकता है.
उसूर के सोढ़ी पारा से लगभग 7 किमी दूर तीन पहाड़ियों की कड़ी चढ़ाई को पार करने के बाद पर्यटक नीलम सरई जलप्रपात तक पहुंचा जा सकता है. तो देर किस बात की? देख आइए प्राकृतिक खूबसूरती का यह नायाब नजारा.
ADVERTISEMENT